मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर के विश्वविद्यालयों के समक्ष उपस्थित समस्याओं की समीक्षा की
श्रीनगर, 7 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने आज केंद्र शासित प्रदेश में संचालित विभिन्न विश्वविद्यालयों के समक्ष उपस्थित समस्याओं का जायजा लेने के लिए एक उच्च-स
मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर के विश्वविद्यालयों के समक्ष उपस्थित समस्याओं की समीक्षा की


श्रीनगर, 7 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने आज केंद्र शासित प्रदेश में संचालित विभिन्न विश्वविद्यालयों के समक्ष उपस्थित समस्याओं का जायजा लेने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का उद्देश्य इन संस्थानों के शैक्षणिक और अवसंरचनात्मक विकास में बाधा डाल रहे लंबित मामलों के समाधान में तेजी लाना था। जम्मू-कश्मीर के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों के कुलपति, शैक्षणिक और कृषि दोनों, ने भी भाग लिया।

विचार-विमर्श के दौरान मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों और संबंधित विभागों के बीच समय पर हस्तक्षेप और निर्बाध समन्वय के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उच्च शिक्षा संस्थान केंद्र शासित प्रदेश के शैक्षिक और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, अपने मुद्दों के समाधान में अत्यंत गंभीरता के पात्र हैं।

उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग को इन संस्थानों में किए जा रहे अनुसंधान परियोजनाओं, पेटेंट, स्टार्ट-अप और अन्य अनूठी शैक्षणिक पहलों सहित सभी नवीन प्रथाओं का दस्तावेजीकरण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के दस्तावेजीकरण से ज्ञान साझा करने और केंद्र शासित प्रदेश में अन्यत्र सफल मॉडलों को अपनाने में मदद मिलेगी।

मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों से विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारियों के क्षमता निर्माण के लिए क्रैश कोर्स तैयार करने का भी आग्रह किया। उन्होंने सभी कौशल विकास और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की मैपिंग करने का भी निर्देश दिया, ताकि शैक्षणिक पेशकशों को बाज़ार और शासन की ज़रूरतों के साथ संरेखित करने में मदद मिल सके।

उच्च शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने उन समस्याओं पर भी प्रकाश डाला जिनका अंतर-विभागीय समन्वय के माध्यम से पहले ही समाधान किया जा चुका है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को समयबद्ध और मिशन-मोड तरीके से इन मुद्दों को हल करने के लिए मौके पर ही निर्देश जारी किए और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता