Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
15 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली
जोधपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। बालेसर के रहने वाले भारतीय थल सेना में हवलदार हराराम सारण का अचानक तबीयत बिगडऩे के बाद निधन हो गया। उनकी पार्थिव देह को आज गुरुवार सुबह जोधपुर लाया गया। यहां से सडक़ मार्ग से पैतृक गांव कोनरी ले जाया गया। रास्ते में जसनाथ नगर टोल प्लाजा से घर तक 15 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा निकाली गई। पार्थिव देह घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि के बाद सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। पांचवीं कक्षा में पढऩे वाले दस वर्षीय बेटे जसवंत सारण ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। श्मशान घाट तक रास्ता भारत माता की जय और हराराम सारण अमर रहे के नारों से गूंजता रहा।
शेरगढ़ के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल बलदेव सिंह मानव ने बताया कि हवलदार हराराम सारण पुत्र सोनाराम सारण भारतीय सेना की उत्तरी कमान के अंतर्गत न्योमा (लेह) स्थित चीन बॉर्डर पर ऑपरेशन स्नो लियोपार्ड के तहत ड्यूटी पर तैनात थे। गत तीन अगस्त को अत्यधिक ठंड और बर्फीले मौसम के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें पश्चिमी कमान के चंडी मंदिर अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान पांच अगस्त को उन्होंने अंतिम सांस ली। हवलदार हराराम सारण केएक बेटा और एक बेटी हैं।
परिवार में चचेरा भाई भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं। पिता खेती करते हैं और माता गृहिणी हैं। अंतिम संस्कार से पहले बालेसर में एनएच-125 पर जसनाथ नगर टोल प्लाजा से गांव कोनरी तक 15 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। हाथों में तिरंगा थामे सैकड़ों युवा बाइक पर पार्थिव देह के आगे-आगे चल रहे थे। आगोलाई कस्बे से शव यात्रा के गुजरते ही सडक़ों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा।
विधायक ने दिया कंधा, बेटे ने दी मुखाग्नि
सुबह करीब 10.30 बजे पार्थिव देह गांव कोनरी स्थित उनके पैतृक निवास पर पहुंची। घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी सपना चौधरी को अंतिम दर्शन करवाने के लिए चार-पांच लोगों ने संभाला। वहीं दस साल के बेटे जसवंत और आठ साल की बेटी आरती ने पिता के पार्थिव शरीर को देखा तो हर आंख नम हो गई। अंतिम यात्रा उनके घर से रवाना हुई। शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने भी पार्थिव देह को कंधा दिया और यात्रा में शामिल हुए। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल बलदेव सिंह मानव और ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स यूनिट (20वीं बटालियन) के जवानों ने सैन्य सम्मान से शव को विदाई दी। पिता सोनाराम सारण और भाई अशोक सारण को सेना की ओर से राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश