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धमतरी, 7 अगस्त (हि.स.)। कृषि बोर्ड रायपुर के निर्देश पर धमतरी कृषि उपज मंडी समिति द्वारा थोक सब्जी पर कमीशन सात से घटाकर तीन प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है। इस पर एजेंटों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सात प्रतिशत कमीशन के स्थान पर 15 प्रतिशत दिया जाए।
कृषि उपज मंडी श्यामतराई परिसर में थोक सब्जी मार्केट की 29 एजेंट दुकान है। थोक सब्जी एजेंट किसानों की सब्जी को बेचने के बाद तत्काल पेमेंट भी कर देते हैं। सब्जी खरीदने वाले अधिकांश फुटकर विक्रेता बाजार में सब्जी बेचने के बाद एजेंट को किस्तों में पेमेंट करते हैं। इस तरह की प्रक्रिया में एजेंटों को कमीशन के तौर पर मात्र सात प्रतिशत मिलता है। लेन- देन की प्रक्रिया में कई ऐसे भी खरीदार होते हैं जो एजेंटों से सब्जी खरीद लेते हैं पर राशि देने के लिए उन्हें कई बार चक्कर कटवाते हैं। जिसके कारण सब्जी के एजेंटों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ता है। अगर शासन सात प्रतिशत कमीशन को घटाकर तीन प्रतिशत करेगा तो उन्हें और अत्यधिक नुकसान सहना पड़ सकता है क्योंकि दुकानों में काम करने वाले एजेंटों के सहयोगी, कर्मचारियों के वेतन, दुकान का किराया और उधारी उन्हें झेलना पड़ता है।
थोक सब्जी विक्रेता संघ धमतरी के अध्यक्ष कैलाश यादव ने 29 जुलाई 2025 को मंडी सचिव के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि सात प्रतिशत कमीशन रेट को घटाकर तीन प्रतिशत तय किया जाना न्यायोचित नहीं है। क्योंकि सब्जी का व्यवसाय कच्चा व्यवसाय है। सब्जी नहीं बिकती तो भारी नुकसान उठाना पड़ता है। हमें किसानों को पेमेंट करने के लिए ब्याज में पैसा उठाना पड़ता है जिससे हमें घाटा भी होता है। सब्जी व्यापारियों पर दुकान और अन्य खर्च अधिक बढ़ गया है जिससे वे मानसिक रूप से परेशान भी रहते हैं इसलिए सात प्रतिशत कमीशन को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाए। प्रीतम सोनकर ने कहा कि मान लिया जाए कि अगर एक लाख रु. की सब्जी बेचते हैं तो 90 हजार रुपये उधारी में जाता है। 10 हजार नगदी आता है। उधारी की राशि कई बार डूब चुकी है। दो एजेंट ने तो काम ही बंद कर दिया है। वर्षों से सात प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं। दूसरे शहरों में कमीशन आठ से 10 प्रतिशत भी है। एजेंटों की समस्या दूर की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा