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जालौन, 7 अगस्त (हि.स.)। किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश ने बीस साल की सजा सुनाई और पचास हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
शासकीय अधिवक्ता रणकेंद्र भदौरिया व विश्वजीत सिंह गुर्जर ने बताया कि उरई शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी एक मां ने पुलिस को 17 मार्च 2023 को तहरीर देकर बताया था कि वह ब्यूटी पार्लर गई थी। घर पर उसकी उसकी 14 वर्षीय बेटी व दो और बेटी घर पर थी। तभी जालौन कोतवाली क्षेत्र के भीटारा गांव निवासी अनुज कुमार कुशवाहा घर पर आया और उसकी बेटी को बहला फुसलाकर ले गया। मां का आरोप था कि पांच लाख रुपये नगद और घर में रखे सोने चांदी के जेवर भी ले गई है। उसको ले जाते उसकी दोनों बेटियों ने देखा था।
पुलिस ने अनुज कुमार कुशवाहा के खिलाफ अपहरण सहित पॉक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपित को थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर उसके पास से किशोरी को बरामद किया। पुलिस की पूछताछ में युवक ने प्रेम प्रसंग बताया था। पुलिस ने किशोरी को न्यायालय में पेश किया जहां उसके कलम बंद बयान दर्ज कराए गए। जहां उसने दुष्कर्म की बात कही। पुलिस ने अनुज के खिलाफ दुष्कर्म की धारा बढ़ोत्तरी कर उसको जेल भेज दिया और किशोरी को परिजनों को सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ कोर्ट में 25 मई 2023 को चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
कोर्ट में चले ट्रायल के बाद गुरुवार को सुनवाई पूरी हुई। जिसमें दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट मोहमद कमर ने अनुज कुमार कुशवाहा को धारा 4(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में दोषी पाते हुए 20 साल की सजा सुनाई और ₹50 जुर्माना लगाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा