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श्रीनगर, 7 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर में गुरुवार को नैनो और सुपरमॉलिक्युलर केमिस्ट्री पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीएनएससी-2025) शुरू हुआ। रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य विषय नैनोकेमिस्ट्री और सुपरमॉलिक्युलर विज्ञान में अत्याधुनिक विकास है।
एनआईटी श्रीनगर के निदेशक प्रो. बिनोद कुमार कनौजिया सम्मेलन के मुख्य संरक्षक हैं जबकि संस्थान के रजिस्ट्रार प्रो. अतीकुर रहमान और डीन रिसर्च एंड कंसल्टेंसी (आरएंडसी) प्रो. रूही नाज़ मीर संरक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. कौसर मजीद इस सम्मेलन के अध्यक्ष हैं जबकि डॉ. जिग्नेशकुमार वी. रोहित और डॉ. रवि कुमार आयोजन सचिव हैं। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कश्मीर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के पूर्व प्रोफेसर प्रो. मोहम्मद अकबर खुरू ने की और इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे।
एनआईटी श्रीनगर के निदेशक प्रो. बिनोद कुमार कनौजिया ने वर्चुअल माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी गणमान्य व्यक्तियों, शोधकर्ताओं और छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि रसायन विज्ञान विभाग ऐसे प्रासंगिक विषय पर राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि नैनोविज्ञान हमें नैनोस्केल पर पदार्थों को समझने में मदद करता है जिससे चिकित्सा, पदार्थ अभियांत्रिकी आदि क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुलती हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे प्रतिष्ठित वक्ताओं के समृद्ध विचार-विमर्श और ज्ञान-साझाकरण इस सम्मेलन में भाग लेने वाले युवाओं को प्रेरित करेंगे।
प्रो. कनौजिया ने प्रासंगिक विषय पर सम्मेलन आयोजित करने के लिए रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. कौसर मजीद और उनकी टीम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मेलन समय की माँग हैं। एनआईटी श्रीनगर के निदेशक ने भी प्रायोजकों के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर बोलते हुए डीन अनुसंधान एवं विकास (आरएंडसी) प्रो. रूही नाज़ मीर ने चिकित्सा, ऊर्जा और पदार्थ विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में नैनो-रसायन विज्ञान और सुपरमॉलिक्युलर रसायन विज्ञान की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र लक्षित औषधि वितरण, ऊर्जा भंडारण, पदार्थ विकास और स्मार्ट डायग्नोस्टिक्स में क्रांति ला रहे हैं। यह सम्मेलन अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने और नवीन अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रजिस्ट्रार प्रो. अतीकुर रहमान ने अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मेलन केवल विचारकों का एक समागम नहीं है। यह संवाद, खोज और दिशा का एक मंच है, एक ऐसा स्थान जहाँ अभूतपूर्व विचारों का आदान-प्रदान होगा, भविष्य के सहयोग शुरू किए जाएँगे और नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।
अपने अध्यक्षता भाषण में प्रो. मोहम्मद अकबर खुरू ने कहा कि उनका इस संस्थान से पुराना जुड़ाव है और उन्होंने उन दिनों को याद किया जब एनआईटी श्रीनगर को आरईसी (रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज) के नाम से जाना जाता था। इस विभाग के साथ मेरी यात्रा 1980 के दशक में प्रो. शक्ति रईस के नेतृत्व में शुरू हुई। उन्होंने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय और आरईसी के रसायन विज्ञान विभाग के बीच अक्सर अकादमिक आदान-प्रदान हुआ करता था।
प्रो. खुरू ने युवा शोधकर्ताओं से एक मिशन के साथ विज्ञान का अनुसरण करने का आग्रह किया। यह महत्वाकांक्षी वैज्ञानिकों के लिए बेहतरीन विषयों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह युवा शोधकर्ताओं के लिए नए विचारों और सफलताओं से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर होगा।
अपने उद्घाटन भाषण में रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष और सम्मेलन की अध्यक्ष, प्रो. कौसर मजीद ने दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों का औपचारिक स्वागत किया। प्रो. कौसर ने कहा कि यह दो दिवसीय सम्मेलन विद्वानों, प्रोफेसरों और नवप्रवर्तकों के लिए नैनोकेमिस्ट्री और सुपरमॉलिक्युलर केमिस्ट्री के क्षेत्र में सहयोग करने और विचारों को साझा करने के लिए एक जीवंत मंच के रूप में कार्य करता है।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह