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चंडीगढ़, 6 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आयुष्मान भारत योजना के तहत लंबित भुगतानों पर बातचीत की। उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पैनल के अंतर्गत अनुबंधित अस्पतालों को भुगतान निरंतर जारी कर रही है और सभी लंबित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जा रहा है।
आईएमए ने भुगतान नहीं हाेने पर सात अगस्त से मरीजाें का इलाज बंद करने का ऐलान किया हुआ है। जिसके चलते आज यह बैठक बुलाई गई। बैठक के दौरान राजपाल ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की बातों को सुना और समस्याओं को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लंबित सभी भुगतानों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करेगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हड़ताल के निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर सकती है। हड़ताल से उन गरीब मरीजों को नुकसान होगा जो इस योजना के माध्यम से समय पर और सस्ता इलाज प्राप्त करते हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आईएमए हरियाणा राज्य चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष डॉ.डी.एस. जसपाल ने कहा कि वह हड़ताल के निर्णय के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लंबित भुगतानों की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है और हमें आश्वासन दिया गया है कि हमारी सभी चिंताओं का समयबद्ध समाधान किया जाएगा। ऐसे में हड़ताल का कोई औचित्य नहीं बनता। यह कदम केवल उन गरीब मरीजों के हितों को नुकसान पहुंचाएगा जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मुख्यालय की स्थायी समिति के सदस्य डॉ. अनिल मलिक ने कहा कि समस्याओं का समाधान उपयुक्त मंचों पर संवाद के माध्यम से ही किया जाना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा