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नई दिल्ली, 6 अगस्त (हि.स.)। राज्यसभा में समुद्री मार्ग से माल ढुलाई के नियमों को आधुनिक और सरल बनाने से जुड़े विधेयक- समुद्री माल परिवहन विधेयक, 2025 को शोर शराबे के बीच संक्षिप्त चर्चा के बाद बुधवार को पारित कर दिया गया। इसके साथ ही
विधेयक को संसद की मंंजूरी मिल गई। लोकसभा पहले ही इस विधेयक को पारित कर चुकी है। यह विधेयक 1925 के अधिनियम का स्थान लेगा।
पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने इस विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि देश में 1500 बंदरगाह हैं। यह विधेयक भारत के एक बंदरगाह से दूसरे या दुनिया के किसी बंदरगाह में माल ढुलाई से जुड़ी जिम्मेदारियों, अधिकारों, सुरक्षा और देनदारियों को तय करता है। इससे नियम सरल होंगे और व्यापार तेज होगा।
राज्यसभा की कार्रवाई एक बार स्थगित होने के बाद जैसे ही फिर 02 बजे शुरू हुई, सदन में विपक्ष के तमाम सदस्यों ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण(एसआईआर) पर चर्चा करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच समुद्री मार्ग से माल परिवहन विधेयक, 2025 को पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने सदन में पेश किया। भाजपा सदस्य संजय सेठ ने इस विधेयक के पक्ष में अपनी बात रखी। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सदस्य वेल में पहुंचे और एसआईआर को लेकर नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान तृणमूल सदस्य ममता बाला ठाकुर सभापति की तरफ जाने वाली सीढ़ियों पर जाकर खड़ी हो गईं। इस पर मार्शल ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद सदन में और महिला मार्शलों को बुलाया गया।
शोर शराबे के बीच पीठासीन अधिकारी भुवनेश्वर कलिता ने नेता विपक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे को बोलने का मौका दिया। खरगे ने कहा 'नियम एक होना चाहिए, सदस्य चाहे इधर के हों या उधर के, सदस्य जब बात करते हैं सदन में व्यवधान होता है। प्वाइंट आफ ऑर्डर उठाए जाने के लिए एक पक्ष को अनुमति न देना और दूसरे पक्ष को इस समय अपने भाषण करने की अनुमति देना पूरी तरह से अव्यवहारिक है। इस पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि 'जो सदन में व्यवधान कर रहे हैं उन्हें प्वाइंट आफ ऑर्डर की तो बात ही नहीं करनी चाहिए। नड्डा ने कहा कि सदन को ऑर्डर में रखना सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का ही काम है लेकिन जिस तरह से हंगामा हो रहा है उसे देखकर यही कह सकते हैं कि प्वाइंट आफ ऑर्डर उठाने का अधिकार उनको नहीं है जो व्यवधान में शामिल हैं। विपक्ष के जिन सदस्यों को समुद्री मार्ग से माल परिवहन विधेयक 2025 विधेयक पर बोलना था वो अपनी सीट पर जाकर एसआईआर पर चर्चा हो यही बात माइक में बोलें। इसके बाद विधेयक को पारित कर सभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
समुद्री मार्ग से माल परिवहन विधेयक 2025 भारतीय समुद्र द्वारा माल वहन अधिनियम, 1925 का स्थान लेगा। यह अधिनियम भारत के एक बंदरगाह से भारत के किसी अन्य बंदरगाह या दुनिया के किसी अन्य बंदरगाह तक माल ले जाए जाने के मामले में ज़िम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकारों और उन्मुक्तियों को स्थापित करता है। यह अधिनियम अगस्त 1924 के लदान-पत्रों से संबंधित विधि के कुछ नियमों के एकीकरण हेतु अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन (हेग नियम) और उसके बाद के संशोधनों के अनुरूप है। विधेयक में अधिनियम के सभी प्रावधान बरकरार हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी