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प्रयागराज,06 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी पीसीएस-जे 2022 परीक्षा विवाद मामले पर अगली सुनवाई 26 अगस्त को निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने श्रवण पांडेय की याचिका पर दिया है।
सुनवाई के दौरान याची श्रवण पांडेय के वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अहमद नक़वी ने पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाले न्यायिक जांच आयोग द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट के जवाब में शपथपत्र दाखिल किया है। साथ ही अंतरिम निर्देशों के लिए प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत किया, जिसमें न्यायिक आयोग को नई, संशोधित या सुधारी हुई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की मांग की गई।
याची के अनुसार गत 9 जुलाई को सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत आयोग की जांच रिपोर्ट 20 दिसंबर 2024 के न्यायालय के आदेश में उल्लिखित तथ्य-खोज के प्राथमिक आदेश पर मौन है। कोर्ट ने आयोग को उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़, मूल्यांकन में अनियमितताओं और मेरिट सूची में विसंगतियों के तथ्यों का पता लगाने का जिम्मा सौंपा था।
याची का कहना है कि यह एक गंभीर घोटाले या अनुचित खेल का संकेत हो सकता है। याची ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए व्यापक जांच की मांग की है, जिसमें सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा आपराधिक जांच की संभावना भी शामिल है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता निशीथ यादव ने पहले मूल्यांकन में त्रुटियों को स्वीकार किया था, जहां गलत मास्टर फेक कोड के कारण कम से कम 50 अभ्यर्थियों के अंक प्रभावित हुए थे। कोर्ट ने यूपीपीएससी को सभी संबंधित रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे