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भागलपुर, 6 अगस्त (हि.स.)। जिले में गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी का असर अब भागलपुर के शहरी क्षेत्र में तेजी से देखा जा रहा है।
गंगा किनारे बसे मोहल्लों के निचले हिस्से में बुधवार को पानी कई घरों में घुस गया। सबसे अधिक तबाह तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के कैंपस के पास दिख रही है। पीजी गर्ल्स हॉस्टल में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। साथ ही विवि के कुछ हिस्सों में भी पानी आ गया है। हॉस्टल की छात्राएं कमरा खाली करके निकलने लगी हैं। कुछ छात्राओं ने बताया कि अभी परिसर में पानी आया है, लेकिन जलस्तर बढ़ते रहा तो कमरे में भी जल्द पानी प्रवेश कर जाएगा।
उधर यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रशासनिक भवन के पास सड़क पर करीब आधा फीट पानी चढ़ गया है। वहीं, मारवाड़ी कॉलेज के हॉस्टल रोड में पानी भरने लगा है। बाढ़ को देख छात्राओं को अविलंब हॉस्टल खाली कराने को कहा गया है। यूनिवर्सिटी कैंपस के पीछे भाग में संचालित सिटी कॉलेज और पीएनए साइंस कॉलेज में कक्षा में करीब दो फीट तक पानी होने से कॉलेज को बंद कर दिया गया है।
सबौर के ममलखा, इंग्लिश, घोषपुर आदि पंचायतों में पानी का स्तर ऊंचा हो रहा है। सबौर के पास एनएच 80 के डायवर्जन पर पानी का दबाव बन रहा है। यहां मिट्टी, राबिश, रोड़ा आदि गिराकर सड़क को मजबूत किया जा रहा है। यदि यहां पानी चढ़ गया तो कहलगांव जाने का रास्ता ब्लॉक हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि गंगा नदी में बीते कुछ दिनों से उफान तेज है। लगातार हो रही बारिश से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
इस कारण आसपास के क्षेत्र में बाढ़ के हालात हैं। सबौर में हालात सबसे खराब हैं। यहां ममलखा, शंकरपुर और फरका के कई गांव डूब गए हैं। स्कूलों में भी पानी घुस गया है, जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अन्य प्रखंडों में भी बाढ़ का पानी खेतों में पहुंचने से फसलें खराब हुई हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर