यातायात की समस्याओं से निजात दिलाएगा काशी में बन रहा देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे
नेत्रहीन दिव्यांग यात्रियों के लिए रोपवे स्टेशन पर लगा  विशेष मार्गदर्शक टेक्टाइल टाइल


—रोपवे स्टेशनों पर बेबी फीडिंग रूम, दिव्यांगजनों तथा नेत्रहीनों की सुगम यात्रा के लिए होंगी विशेष सुविधाएं

नेत्रहीनों के लिए होंगे विशेष मार्ग दर्शक टेक्टाइल टाइल और ब्रेल लिपि में संकेत लिखे होंगे

वाराणसी,06 अगस्त (हि.स.)। विकास के लिए अग्रणी कदम उठाने वाली केन्द्र की नरेन्द्र मोदी और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली प्राथमिकताा जनसुविधा ही है। इसका एक उदाहरण वाराणसी में बन रहा देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे भी है। यह तकनीकी दृष्टि से विशेष होने के साथ ही मानवीय दृष्टिकोण से भी नई मिसाल कायम करेगा। रोपवे स्टेशनों पर बेबी फीडिंग रूम, दिव्यांगजनों तथा नेत्रहीन दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं भी होंगी। नेत्रहीनों के लिए विशेष मार्गदर्शक टेक्टाइल टाइल और ब्रेल लिपि में संकेत लिखे होंगे। दिव्यांगजनों के लिये रैम्प तथा व्हीलचेयर की सुविधा होगी। गंडोला में भी व्हील चेयर पर बैठकर यात्रा किया जा सकेगा।

शहरी सार्वजनिक परिवहन के लिए देश के पहले रोपवे संचालन का सौभाग्य काशी को प्राप्त होने वाला है। वाराणसी आने वाले लाखों पर्यटकों को अब कैंट रेलवे स्टेशन से घाटों व मंदिरों तक आसानी और सुरक्षित तरीके से पहुंचने का नया विकल्प मिलेगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने रोपवे की यात्रा को महिलाओं, दिव्यांगजनों (नेत्रहीन आदि) के लिए आरामदायक और सुविधायुक्त बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। नेत्रहीन दिव्यांग यात्रियों को रोपवे के सभी स्टेशन पर दाखिल होने से लेकर बाहर निकलने तक टेक्टाइल टाइल गाइड करेगी। ज़मीन पर लगी इस विशेष टाइल में विशेष प्रकार का उभार होता,जिस पर नेत्रहीन दिव्यांगजन चलेंगे। जहां दाहिने या बाएं घूमना होगा, वहां बबल टाइल लगी होगी, जिसे वार्निंग टाइल भी कहते हैं। नेत्रहीनों के टाइल का रंग अन्य टाइल से अलग यानी पीले रंग का होगा, जिस पर आम यात्री न चलें। लिफ्ट के बटन में हर मंजिल के लिए ब्रेल लिपि में अंक अंकित होगा। वहीं दिव्यांग यात्रियों के लिए स्टेशनों पर रैंप और व्हीलचेयर की व्यवस्था रहेगी। साथ ही गंडोला की सीट फोल्ड करके व्हील चेयर के साथ यात्री बैठ सकेंगे। रोपवे स्टेशनों पर बेबी रूम और फीडिंग रूम की व्यवस्था रहेगी, ताकि महिलाएं अपने शिशुओं का सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल में देखभाल कर सकें।

वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच रोपवे स्टेशन होंगे, जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन पर रोपवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर गोदौलिया पर स्टेशन होगा। कैंट से गोदौलिया तक रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर है। यह यात्रा करीब 16 मिनट में तय होगी। 29 टावरों के सहारे 45 से 50 मीटर ऊँचे हवाई मार्ग से करीब 148 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं। एक दिशा में एक घंटे में 3,000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानि 6,000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ-जा सकेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी