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रुद्रप्रयाग, 6 अगस्त (हि.स.)। दो दिन से लगातार हो रही बारिश से अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। साथ ही अन्य गाड-गदेरों का ऊफान भी चरम पर है, जिससे कई जगहों पर खतरा बना है। तेज बारिश से जलसंस्थान की 109 पेयजल योजनाओं को क्षति पहुंची है। वहीं, तीनों राजमार्ग संवेदनशील हो गये हैं।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच बंद पड़ा है। इसके अलावा कई अन्य संपर्क मोटर मार्ग भी बंद पड़े हैं। मंगलवार शाम से शुरू हुई बारिश बुधवार सुबह 10 बजे तक रुक-रुककर होती रही। भारी बारिश से जिला मुख्यालय समेत अन्य सभी स्थानों पर जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। वहीं, बारिश से अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। पूरे दिनभर दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं थी। इस दौरान अलकनंदा नदी खतरे के निशान 627 मीटर से ऊपर बह रही है। वहीं, मंदाकिनी नदी खतरे का निशान 626 मीटर पर बह रही है।
प्रशासन और पुलिस ने लोगों को नदी किनारे नहीं जाने की सलाह दी है। दूसरी पुनाड़ गदेरा भी अपने चरम पर बह गया है। डांगसेरा, हितडांग और नया बस अड्डा क्षेत्र में गदेरे के तेज बहाव से लोग सहमें रहे। उधर, हरियाली गदेरा, नगरासू गदेरा, बच्छण गाड का जलस्तर अधिक रहा। बारिश से होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए लोगों अपने घरों से बाहर नही निकल पाए। हाईवे समेत अन्य संपर्क मार्गो पर पत्थर गिरते रहे। जिला मुख्यालय के बीचों बीच बने वाले पुनाड़ गदेरे के जल स्तर में भी भारी बढोत्तरी हुई। कुछ समय के लिए गदेरे के आसपास रहने वाले लोगों ने बाहर आकर स्थिति का जायजा लिया।
बारिश से जनपद में जलसंस्थान की 109 पेयजल योजनायें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। अधिशासी अभियंता अनीश पिल्लई ने बताया कि बुधवार को भी दूरस्थ गांवों से योजनाओं के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति