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गांधीनगर, 6 अगस्त (हि.स.)। वडोदरा के निकट स्थित गंभीर ब्रिज के टूटने की घटना में पिछले 25 दिनों से हवा में लटका हुआ टैंकर आखिरकार नीचे उतार लिया गया। इस कार्य की जिम्मेदारी आणंद जिला प्रशासन को सौंपी गई थी। आणंद प्रशासन ने यह कार्य पोरबंदर के मरीन इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर को सौंपा था। सेंटर के संचालक और उनकी टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सर्वेक्षण किया और फिर एयरलिफ्टिंग बलून की मदद से टैंकर को सफलतापूर्वक नीचे उतार लिया गया।
वडोदरा जिले के पादरा में स्थित मही नदी पर बना गंभीर ब्रिज कुछ दिन पहले टूट गया था। यह पुल पादरा तालुका के मुजपुर और आणंद जिले को जोड़ता है। यह पुल वर्ष 1985 में बना था और 25 दिन पहले इसके टूटने से लगभग 20 लोगों की मृत्यु हो गई थी। दुर्घटना के समय एक टैंकर इस पुल से गुजर रहा था जो पुल के बीच हवा में लटका रह गया था। इस टैंकर को नीचे उतारने के लिए उसके मालिक ने बार-बार निवेदन किया था।
जब यह निवेदन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तक पहुंचा, तब तक गंभीर ब्रिज की सीमा को लेकर विवाद चल रहा था। अंततः मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि आणंद जिला प्रशासन इस टैंकर को नीचे उतारने की कार्रवाई करे। प्रशासन ने इस कार्य की जिम्मेदारी पोरबंदर के मरीन इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर को सौंपी। इसके बाद सेंटर के संस्थापक संचालक केतनभाई गर और उनकी टीम गंभीर ब्रिज पर पहुंची। उन्होंने वहां सर्वेक्षण कर एयरलिफ्टिंग बलून की सहायता से टैंकर को नीचे उतारने की योजना बनाई। इस प्रक्रिया में टैंकर के आगे के हिस्से में कैप्सूल लगाकर उसमें हवा भरी गई और उसे ऊपर उठाया गया। पीछे की तरफ से धीरे-धीरे लेवल लेकर रस्सियों की सहायता से टैंकर को खींचकर सुरक्षित नीचे उतारा गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad