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- दो हजार रूपये का लगाया अर्थदण्ड, न्यायालय से सुनाया फैसला
श्योपुर, 06 अगस्त (हि.स.)। पति-पत्नी को जाति सूचक गालिया देने के मामले में वीरपुर थाने में दर्ज अपराध पर न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी को छ: माह के सश्रम कारावास और दो हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं।
शासन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक राजेन्द्र जाधव ने बताया कि 11 अक्टूबर 2022 को फरियादी ने वीरपुर थाना पुलिस के समक्ष उपस्थित होकर शिकायत दर्ज कराई कि वह घर के बाहर खटिया डालकर अपनी पत्नी के साथ बैठा था, तभी गांव का सुरेश आया और वह बोला कि उसने अपनी बकरी उसके खेत मे क्यो घुसा दी तब उसने कहा कि वह चरते हुए चली गई होगी। इसी बात पर आरोपी ने उसे जातिसूचक गालियाँ दी, उसने गाली देने से मना किया तो डंडो से और हाथ घूसों से मारपीट की और उसकी पत्नी आई तो उसकी पत्नी के भी डंडा मारा। फरियादी की शिकायत पर वीरपुर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इस मामले की विवेचना के बाद विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज श्योपुर में अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र पेश किया और विचारण के बाद आरोपी सुरेश राठौर पुत्र जगन राठौर आयु 47 वर्ष निवासी मोहनपुरा थाना वीरपुर जिला श्योपुर को धारा 323 भा.द.वि सहपठित धारा 3(2) (टं) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 में छ: माह का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 325 भा.द.वि. सहपठित धारा 3 (2) (टं) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 मे एक छ: माह का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये से दंडित करने की सजा सुनाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा