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श्योपुर, 06 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के कूनो के चीते अब गांव तक दौड़ करने लगे हैं। जिले में पहले भी कई बार गांवों के आस-पास चीतों की दस्तक देखी गई है। बुधवार की सुबह माता चीता ज्वाला अपने शावक के साथ विकासखण्ड कराहल की ग्राम पंचायत जाखदा के हसनपुर गांव में पहुंच गई। यहां चीतों ने मिलकर बाड़े में बंधे गाय-भेसों और में से एक बछड़े को अपना निशाना बनाते हुए उसका शिकार किया। चीतों के गांव में घुसने की खबर आग की तरह गांव में फैल गई। मौके पर पहुचे लोगों ने छुपकर इसका वीडियो भी बनाया। चीता बाड़े में करीब एक घंटे तक रूके, पहले उन्होंने शिकार किया, उसके बाद कुछ देर आराम करने के बाद उसे अपना भोजन बनाया। सूचना के बाद ही मौके पर कूनो प्रबंधन की टीम भी पहुंच गई, जिसने चीतों को आबादी क्षेत्र से बाहर निकाल दिया और लगातार चीतों की मॉनीटरिंग की जा रही है।
जानकारी के अनुसार जाखदा पंचायत के हसनपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय से सटा हुआ पप्पू पुत्र महेन्द्र पटेलिया का बाडा है। बाडे में दो गाय, दो बछड़े और दो भैंसे बंधी हुई थी। पप्पू पटेलिया ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार की सुबह करीब 6 बजे जब वह गायों का दूध निकालने के लिये बाड़े में पहुंचा, तो चीते बछड़े का शिकार कर उसके पास बैठे हुए थे। चीतों को देखकर वह डर गया और दबे पांव वापस लौट आया। इसके बाद उसने इसकी सूचना कूनो प्रबंधन तक पहुंचाई, सूचना मिलते ही मौके पर प्रबंधन की टीम भी पहुंच गई। चीते करीब एक घंटे तक यहां रूके, इसके बाद टीम ने उन्हें आबादी क्षेत्र से दूर कर दिया।
चीतों द्वारा गांव में बछड़े का शिकार करने की घटना के बाद ग्रामीणों के बीच डर का माहौल निर्मित हो गया है। ग्रामीण अब इस बात से डरे हुए हैं कि चीते कहीं पुन आकर उन्हें या उनके बच्चों को कोई नुकसान न पहुंचा दे। इसी बात की चिंता उन्हें सता रही है। वहीं गांव के लोगों में इस बात का आक्रोश भी है कि कूनो सेंचुरी का सीमा क्षेत्र सुरक्षित नहीं किया गया है। वन्यजीव बड़ी सहजता से गांव में घुसकर आबादी क्षेत्र तक पहुंच जाते हैं। इससे किसी भी दिन कोई अप्रिय घटना भी घटित हो सकती है। ग्रामीणों को कहना है कि लोगों की सुरक्षा को लेकर कूनो प्रबंधन को कोई ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा