सरयू घाघरा नदी खतरे के निशान से 43 सेमी पंहुची ऊपर
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बाराबंकी, 6 अगस्त (हि.स.)। सरयू नदी खतरे के निशान से 43 सेमी ऊपर है तथा बढ़ती ही रिकार्ड हुई है। तहसील अधिकारी खुद बाढ़ ग्रस्त इलाकों में घूम घूम कर नजर रखे हुए हैं। लेखपालों को भी सक्रिय किया गया है। नदी के बढ़ने से घरों व रास्तों में पानी आ गया है।

बुधवार को नदी जल जल स्तर 106.500 सेमी आंका गया जो खतरे के निशान 106.07 से 43 सेमी ऊपर है। रामनगर के सिसौडा,तपेसिपाह ,कोरिन पुरवा, बुधई पुरवा इलाकों के भर गया है व रास्तों पर भी पानी है ।जो लोग बिल्कुल किनारे बसे थे वे लोग ऊँचे स्थानों पर आ रहे हैं।

तहसीलदार विपुल कुमार व नायब तहसीलदार सैयद तहजीब हैदर ,विपुल कुमार ने सरयू पुल,लोहटी, चौकाघाट, दुर्गापुर, तपेसिपाह सहित सूरतगंज के करमुल्लापुर आदि गाँवों का भ्रमण कर हालात पर नजर बनाए रही। लोगों से हाल चाल जाना व नाव आदि के बारे में जानकारी ली। बाढ़ एरिया में कानूनगो व लेखपाल भी भेजे गए ताकि सूचनाएं मिलती रहें। बाढ़ कार्य खंड के सहायक अभियंता आयुष गर्ग, जे ई अक्षय व सौरभ, योगेश भी बाँध पर भ्रमण करते रहे।सरयू नदी का जल स्तर एक सप्ताह से बढ़ता ही दर्ज किया जा रहा है। अधिकारी लगातार सतर्क निगाह रखे हुए हैं । पानी बढ़ने से पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या बन गई है । पशुओ को ग्रामीण ऊँचे स्थानों पर ला रहे हैं। तराई के कई रास्तों व नालों मे भी पानी भर गया है। सूरतगंज के बी डी ओ देवेंद्र सिंह,ए डी ओ पंचायत राजेंद्र प्रसाद ने भी इलाके के प्रधानों से नाव आदि चलने की जानकारी ली।रामनगर ब्लॉक के जो बाढ़ संभावित गाँव है वंहा ए डी ओ पंचायत अभय शुक्ला के साथ बीडीओ जितेंद्र कुमार व ग्राम पंचायत अधिकारी ऋषभ पांडेय ने ग्राम प्रधानों से बात की और कई जगह भ्रमण भी किए। सभी अफसर बाढ़ को लेकर एलर्ट हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज कुमार चतुवेर्दी