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नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के आरोपित क्रिश्चियन मिशेल को रिहा करने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज संजय जिंदल ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मिशेल से पूछा कि आप बेल बांड क्यों नहीं भर रहे हैं। तब मिशेल ने कहा कि जब उसने सजा की अधिकतम 7 साल की कैद की अवधि को पूरा कर लिया है, तब बेल बांड की कठोर शर्तें नहीं लगायी जानी चाहिए। मिशेल ने कहा कि अब वो तीन साल पहले वाला ही व्यक्ति नहीं रहा। उसकी मां की मौत हो चुकी है, उसकी पत्नी उसके साथ नहीं है। थोड़ा बहुत उसका व्यापार बचा है।
सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मिशेल की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संयुक्त अरब अमीरात से हुई प्रत्यर्पण संधि की धारा 17 के मुताबिक अगर कोई आरोपित प्रत्यर्पित किया जाता है तो उस पर न केवल वही मुकदमा चलेगा जिसके लिए उसे प्रत्यर्पित किया गया है बल्कि दूसरे संबंधित मुकदमे भी चल सकते हैं। ईडी ने दुबई के उच्चतम न्यायालय के 2 सितंबर, 2018 के फैसले का भी हवाला दिया। ईडी ने कहा कि जेम्स को 22 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तार किया गया था और सात साल की अधिकतम सजा भी अभी पूरी नहीं हुई है। ऐसे में जेम्स को रिहा करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
मिशेल को अगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी दोनों के मामले में जमानत मिल चुकी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 4 मार्च को मिशेल को मनी लांड्रिंग मामले में जमानत दी थी। सीबीआई से जुड़े मामले में मिशेल को उच्चतम न्यायालय पहले ही जमानत दे चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी