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मंदसौर, 6 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर विरोध शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संगठन के आह्वान पर मंदसौर जिले के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। तहसीलदार और नायब तहसीलदार आपदा प्रबंधन को छोड़ अन्य कोई काम नहीं करेंगे। सभी ने अपना कामकाज बंद कर दिया है। अपने शासकीय वाहन भी जमा करा दिए हैं।
मंदसौर में कलेक्ट्रेट परिसर के सामने एसडीएम कार्यालय के बाहर तहसीलदार व नायब तहसीलदार टेंट-तंबू के नीचे धरना देकर पर बैठ गए है। हड़ताल के पहले दिन जमकर नारेबाजी की। हड़ताल के कारण विभागों व आम लोगों के कामकाज ठप हो गए हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों ने अपनी आवाज बुलंद कर शासन की की नीति का विरोध किया। तहसीलदारों को कहना है कि जब तक सरकार दोहरी नीति वाला फैसला नहीं बदलेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। प्रदर्शन में मंदसौर शहर तहसीलदार निलेश पटेल, ग्रामीण तहसीलदार सोनिका सिंह, रमेश मसारे, अजय जाट समेत जिले के सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार शामिल रहे।
मंदसौर तहसीलदार निलेश पटेल ने कहा कि राज्य शासन द्वारा वर्तमान में एक विभाजनकारी नीति बनाई है। जिसमें जो तहसीलदार संवर्ग है उसको न्यायिक व गैर न्यायिक कार्य को दो भागों में विभाजित कर दिया है। यह विभाजन पूरी तरह से अव्यवहारिक है। क्योंकि, ग्राउंड लेवल पर हम काम करते है। हमें मालूम है क्या समस्या आएगी। न्यायिक कार्य करने पर तहसीलदारों की कमी आ जाएगी। टप्पो को मर्ज करके तहसीलों में लगाया जाएगा। एक ही कोर्ट कर दिया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया