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शिमला, 06 अगस्त (हि.स.)। राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की। इस दौरान जनजातीय क्षेत्रों के लिए नौतोड़ वन भूमि की स्वीकृति देने का आग्रह किया गया।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल से निवेदन किया कि जनजातीय समुदायों को नौतोड़ भूमि के स्वामित्व अधिकार देने की दिशा में लंबित स्वीकृति को शीघ्र प्रदान किया जाए। उन्होंने बताया कि यह मामला पिछले दो वर्षों से लंबित है और इससे पहले भी वे इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल से भेंट कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद प्रदेश सरकार ने नौतोड़ भूमि आबंटन के लिए राज्यपाल से आग्रह किया था। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 5 के तहत नौतोड़ वन भूमि की स्वीकृति राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आती है।
जगत सिंह नेगी ने यह भी सुझाव दिया कि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 को निरस्त किया जाए ताकि सीमावर्ती और जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं को नौतोड़ भूमि का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भूमि की भारी कमी है, जिससे बेरोजगारी और पलायन की समस्या बढ़ रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला