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जम्मू, 6 अगस्त (हि.स.)। सैनिक समाज पार्टी के मुख्य संयोजक और प्रदेश अध्यक्ष कर्नल एस.एस. पठानिया ने केंद्र सरकार से जम्मू क्षेत्र के लोगों को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश या राज्य देने का आग्रह किया जो लगभग 8 दशकों से भेदभाव, शोषण, अधीनता, अत्याचार और जनसांख्यिकीय जिहाद के खतरे में रह रहे हैं।
पहलगाम की घटना और जेहादी मानसिकता वाले पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष मुनीर की संलिप्तता को देखते हुए वह आतंकवाद को नए आयाम देंगे और उन्होंने पहले ही आतंकवादी संगठनों को जेकेयूटी में लगभग 35 वर्षों से चल रहे छद्म युद्ध के लिए रणनीतिक संपत्ति घोषित कर दिया है। चीन द्वारा दिए जा रहे मजबूत समर्थन से पाकिस्तान का हौसला और बढ़ गया है जो भारत को आर्थिक और सैन्य रूप से कमजोर करना चाहता है। राज्य का दर्जा बहाल करने से केवल उपराज्यपाल की शक्तियों में बदलाव आएगा जिसमें आंतरिक सुरक्षा, कानून और व्यवस्था बनाए रखना, नियुक्ति, चयन आदि शामिल हैं और इससे आतंकवाद को कुचलने की हमारी क्षमता किसी भी तरह से नहीं बढ़ेगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और भारत के गठबंधन के अन्य दलों द्वारा राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने की मांग के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है जो किसी भी तरह से राष्ट्रीय हित में नहीं है और वर्तमान परिस्थितियों में इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। जम्मू क्षेत्र के लोग पिछले कई वर्षों से केंद्र सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं और अब समय आ गया है कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया जाए और उन्हें न्याय मिले।
जम्मू क्षेत्र कठोर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के 6 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है और दूसरी तरफ कश्मीर क्षेत्र के राजनीतिक आका काला दिवस मना रहे हैं जो स्पष्ट रूप से दो अलग-अलग मानसिकताओं यानी जम्मू क्षेत्र के राष्ट्रवादी लोगों और कश्मीर क्षेत्र के पाकिस्तान समर्थक लोगों के बीच अंतर को दर्शाता है। पठानिया ने कहा कि 42,000 वर्ग किलोमीटर के पहाड़ी और पहाड़ी क्षेत्र का प्रभावी प्रशासन या स्थायी सरकार नहीं हो सकती इसलिए कश्मीर और जम्मू को केंद्र शासित प्रदेश बनाना ही सही रास्ता है ताकि लोगों का सर्वांगीण विकास और कल्याण सुनिश्चित हो सके। पूर्वाेत्तर राज्यों में प्रचलित अनुच्छेद 371 के उपयुक्त प्रावधानों को जैसा कि केंद्र सरकार उचित समझे दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में उपयुक्त रूप से लागू किया जा सकता है जिससे शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह