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मुरादाबाद, 06 अगस्त (हि.स.)। मुरादाबाद जनपद के न्यायाधीश पॉक्सो धनेंद्र कुमार की अदालत ने किशोरी को बहला फुसलाकर अगवा करने और दुष्कर्म मामले में सुनवाई के बाद आरोपित मोनू माली को दोषी ठहराया। बुधवार को अदालत ने मामले में आरोपित दोषी को 20 साल के कारावास की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया है।
मुरादाबाद महानगर के थाना कटघर क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने बताया था कि वह अपने बेटे और पत्नी के साथ सात जून वर्ष 2021 को घर से बाहर गए थे। घर पर उसकी 15 वर्षीय नाती अकेली थी। इस बीच मोनू माली निवासी विवेक विहार निकट रेलवे लाइन चंदौसी पंडित नगला किशोरी को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया। पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी दर्ज की। इसके बाद मोनू माली की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपित के साथ किशोरी को उत्तराखंड से बरामद किया। किशोरी के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपित मोनू के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और लूटपाट की धारा के तहत केस दर्ज किया। किशोरी ने बताया था कि आरोपित घर से जेवरात भी लूटकर ले गया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अदालत में सुनवाई के दौरान जिला अर्द्धशासकीय अधिवक्ता मनोज गुप्ता ने दलीलें रखी। कोर्ट ने दोनों तरफ के तर्कों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद मोनू माली को बाल संरक्षण अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत दोषी ठहराया। एडीजीसी मनोज गुप्ता अदालत ने मोनू को 20 साल की सजा और एक लाख रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की 75 प्रतिशत धनराशि पीड़िता किशोरी को दी जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल