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धर्मशाला, 06 अगस्त (हि.स.)। केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि यह अत्यंत गौरव का विषय है कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप, एक अत्यंत महत्वपूर्ण और नवाचारपूर्ण शैक्षणिक पहल की ओर कदम बढ़ाया है। विश्वविद्यालय द्वारा 2025-26 शैक्षणिक सत्र से 20 क्रेडिट का एक अनिवार्य स्किल कोर्स सभी विद्यार्थियों के लिए प्रारम्भ किया जा रहा है। यह कोर्स विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग, प्रत्येक स्कूल तथा सभी अध्ययन केंद्रों के शिक्षार्थियों के लिए आवश्यक होगा।
इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान की पुस्तकीय परिधि में सीमित रखना है, अपितु उन्हें समाज के वास्तविक जीवन, परंपराओं, पर्यावरण, शिल्प, प्रशासन और संस्कृति से गहराई से जोड़ना भी है।
बुधवार को जारी प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम लोक परंपरा, सांस्कृतिक विविधता, लोक साहित्य, पर्यावरणीय ज्ञान, हस्तकला, पर्यटन तथा जनसामान्य की आजीविका संबंधी व्यवस्थाओं के व्यावहारिक अध्ययन के माध्यम से विद्यार्थियों को समाज का सहभागी बनाना चाहता है। इसके माध्यम से छात्र अपने गृहनगर, गांव, समुदाय और उनके अनुभवों से शिक्षा प्राप्त करेंगे और अपनी जड़ों को समझते हुए वैश्विक सोच का निर्माण करेंगे।
प्रो. बंसल ने सुझाया कि इस पाठ्यक्रम में उदाहरण स्वरूप “पर्यावरण और स्थायित्व”, “लोक साहित्य”, “लोककला और हस्तशिल्प”, “लोक यायावरी और सांस्कृतिक पर्यटन”, “लोक प्रशासन”, “लोक प्रबंधन”, “लोक शास्त्र” और “लोक नाट्य” जैसे विषय सम्मिलित किए गए हैं, जिनमें 2 और 4 क्रेडिट के कोर्स होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया