बिहार में नवनियुक्त सिपाहियों के प्रशिक्षण केंद्रों में जीविका दीदी बनाएंगी भोजन : एडीजी -प्रशिक्षण
बिहार में नवनियुक्त सिपाहियों के प्रशिक्षण केंद्रों में जीविका दीदी बनाएंगी भोजन : एडीजी -प्रशिक्षण


पटना, 06 अगस्त (हि.स.)। बिहार पुलिस में नवनियुक्त सिपाहियों क अब जीविका दीदी द्वारा संचालित 'दीदी की रसोई' में भोजन मिलेगा। राज्य सरकार के इस पहल का उद्देश्य नवनियुक्त पुलिस कर्मियों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराना है। साथ ही ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देना भी है।

बिहार में 21 हजार 391 सिपाहियों को एक साथ प्रशिक्षण देने की शुरुआत इस वर्ष 21 जुलाई से की गई है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ऐसे में राज्य के सभी प्रशिक्षण केंद्रों में भोजन की समुचित व्यवस्था जीविका दीदियों को सौंपी गई है। इसे लेकर जीविका के साथ एमओयू (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किया गया है।

यह जानकारी राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) (प्रशिक्षण) संजय कुमार सिंह ने दी। वह बुधवार को पुलिस मुख्यालय के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को इकट्ठे 9 महीने का बेसिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें 10 हजार 207 पुरुष, 11 हजार 176 महिला और 8 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। 8 ट्रांसजेंडरों में 5 महिला और 3 पुरुष ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

एडीजी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को प्रशिक्षण देने के लिए 1500 प्रशिक्षकों को इस काम में लगाया गया है। इन सभी प्रशिक्षकों को महंगाई भत्ता 20 फीसदी करने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव चला गया है। अभी छठवें वेतन आयोग के आधार पर यह भत्ता दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि सभी बीएसएपी (बिहार स्पेशल सशस्त्र पुलिस) के बटालियन, नाथनगर समेत अन्य प्रशिक्षण केंद्रों, जिला पुलिस बल के केंद्रों के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुल्स बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के प्रशिक्षण केंद्रों में भी पुलिस जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाढ़ स्थिति सीआरपीएफ के प्रशिक्षण केंद्र में महिला सिपाहियों का प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनका प्रशिक्षण थोड़ा अलग और अधिक सशक्त है।

एडीजी ने कहा कि इस बार सिपाहियों को इंडोर प्रशिक्षण देने के लिए नया कंपेडियम तैयार किया गया है। इसमें 70 फीसदी बदलाव करते हुए नया बीएनएसएस कानून के सभी जरूरी प्रावधानों को जोड़ा गया है। इसके अलावा छापेमारी, हथकड़ी, अपराधियों को गिरफ्तार करने के तरीके समेत अन्य सभी जरूरी बातों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नई चुनौती और परिक्षेत्र के मुताबिक तैयार इस नए सिलेबस में सभी जरूरी बातों को समाहित किया गया है, ताकि सिपाहियों को सभी जरूरी पहलुओं के बारे में जानकारी हो सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी