उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद वायु सेना और भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला
उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद वायु सेना ने मोर्चा संभाला
उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला

- राहत कार्यों के लिए चंडीगढ़, बरेली और आगरा में हेलीकॉप्टर, परिवहन विमान स्टैंडबाय पर

नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद निचले हर्षिल क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने घाटी को अलग-थलग कर दिया है। इसके बाद भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव सामग्री पहुंचाने के लिए परिवहन विमान देहरादून पहुंच चुके हैं। उत्तरकाशी में राहत कार्यों के लिए चंडीगढ़ एयरबेस पर भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर सक्रिय रूप से तैयार हैं। भारतीय सेना ने मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियान शुरू किया है। कई सड़कों के टूटने और एक पुल के ढह जाने के कारण यह क्षेत्र वर्तमान में उत्तर और दक्षिण दोनों से कटा हुआ है।

मध्य वायु कमान ने एक बयान में बताया कि भारतीय वायु सेना के सी-295 और एएन-32 सहित पांच परिवहन विमानों ने आगरा से 114 सैन्य कर्मियों और 13.5 टन आपदा राहत सामग्री को आगरा से देहरादून पहुंचाया है। अग्रिम हवाई अभियानों के लिए बरेली और देहरादून में एएलएच और चिनूक हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर हैं। उत्तरकाशी में राहत कार्यों के लिए चंडीगढ़ एयरबेस पर चिनूक, एमआई-17 वी5, चीता और एएलएच सहित भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर सक्रिय रूप से तैयार हैं।

उत्तराखंड में अचानक आई बाढ़ की सूचना मिलने पर भारतीय वायु सेना ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है। राहत और बचाव सामग्री पहुंचाने के साथ-साथ भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना को बचाव अभियानों के लिए तैयार करने के लिए आगरा और बरेली स्थित वायु सेना स्टेशनों को रात में ही सक्रिय कर दिया गया था। हालांकि, आज सुबह घने कोहरे और बारिश के कारण उड़ानें सीमित थीं, फिर भी बेहतर दृश्यता मिलने पर भारतीय वायु सेना इस आपदा से निपटने के लिए नागरिक-सैन्य संयुक्त अभियान के लिए कार्य कर रही है।

उत्तराखंड में हर्षिल के निकट धराली के पास बादल फटने के बाद भारतीय सेना ने एक त्वरित और समन्वित मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियान तेज कर दिया है। कई सड़कों के टूटने और एक पुल के ढह जाने के कारण यह क्षेत्र वर्तमान में उत्तर और दक्षिण दोनों से कटा हुआ है। पैदल सेना और इंजीनियरिंग टीमों के 225 से ज्यादा सैन्यकर्मी खोज, बचाव और राहत कार्यों के लिए तैनात हैं। टेकला के पास रीको रडार के साथ 7 टीमें काम कर रही हैं। हर्षिल में खोज एवं बचाव कुत्ते तैनात किये गए हैं। रिमाउंट और पशु चिकित्सा केंद्रों से और भी कुत्ते आ रहे हैं।

भारतीय सेना के इंजीनियर दल मलबा हटाने और आवाजाही बहाल करने में सहायता के लिए लड़ाकू इंजीनियर धराली पहुंच गए हैं। हर्षिल में सैन्य हेलीपैड चालू है। एसडीआरएफ के समन्वय से सहस्त्रधारा से 3 नागरिक हेलीकॉप्टर हताहतों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भटवारी और हर्षिल में सफलतापूर्वक उतर चुके हैं। सैनिकों और सामग्री को हवाई मार्ग से ले जाने के लिए जॉली ग्रांट, चंडीगढ़ और सरसावा में चिनूक, एमआई-17, एएलएच हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर हैं। अब तक 70 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना का एक जेसीओ और 8 जवान भी मंगलवार से लापता हैं।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अनुसार उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश के कारण उत्तरकाशी और गंगोत्री के बीच एनएच-34 राजमार्ग पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पापड़गाड़ में 100 मीटर का हिस्सा बह गया है और धराली के पास भारी मलबा आने से सड़क अवरुद्ध हो गई है। बीआरओ लगातार हो रही बारिश और कठिन परिस्थितियों के बावजूद क्षति की मरम्मत के लिए काम कर रहा है। बर्तवारी, लिंचीगाड और गंगरानी के पास प्रमुख सड़क मार्ग बह गए हैं, जिससे आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। धराली में सिविल हेलीपैड भूस्खलन के कारण बंद पड़ा है।  

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम