गोविंद देव जी मंदिर में 200 आचार्यों को समर्पित हुआ दिव्य चौंसठ महंत भोग
गोविंद देव जी मंदिर में 200 आचार्यों को समर्पित हुआ दिव्य चौंसठ महंत भोग


जयपुर, 6 अगस्त (हि.स.)। श्रावण शुक्ल द्वादशी के पावन अवसर पर आराध्य श्री राधा गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर में श्रील रूप गोस्वामी पाद की तीरोभाव तिथि पर दिव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। महंत अंजन कुमार गोस्वामी जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित इस उत्सव में गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय की परंपरा के अनुसार “चौंसठ महंत भोग” समर्पित किया गया।

इस पुण्यमयी सेवा में श्रीमन् चैतन्य महाप्रभु, श्रीमन् नित्यानंद प्रभु, श्री अद्वैताचार्य, गदाधर पंडित, श्रीनिवास आचार्य, षड्गोस्वामीगण (श्रीरूप, श्रीसनातन, श्रीजीव, श्रीगोपाल भट्ट, श्रीरघुनाथ भट्ट, श्रीरघुनाथ दास) सहित पंचतत्व, अष्ट कविराज, द्वादश गोपाल और संप्रदाय के विख्यात आचार्य-महंतों के चित्रपटों का वेदमंत्रों के साथ भावपूर्ण आह्वान कर पूजा-अर्चना की गई।

सभी महंतों के समक्ष पत्तलों में मिठाई, सब्जी, पूड़ी एवं पारंपरिक व्यंजन अर्पित किए गए। यह आयोजन “चौंसठ महंत भोग” के नाम से प्रसिद्ध है, किंतु इसमें 200 से अधिक आचार्यों को विधिवत भोग समर्पित किया गया। उल्लेखनीय है कि गौड़ीय संप्रदाय की सातों देवालय परंपरा में अब तक लगभग 200 आचार्य हुए हैं, जिनका पूजन पितृ के रूप में नहीं बल्कि आचार्य रूप में किया जाता है।

उत्सव पूर्व धूप झांकी में ठाकुर श्री गोविंद देव जी, श्री राधा रानी और अन्य विग्रहों को रंग-बिरंगी पवित्राएं धारण कराई गईं। ठाकुर श्रीजी को सुनहरी, रुपहली, 108 मणियों की रेशमी पवित्रा, कच्चे सूत की केसरिया रंग की पवित्राएं तथा 108 गांठों वाली पीले-केसरिया सूत की विशेष पवित्राएं अर्पित की गईं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश