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जयपुर/कोटा,6 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान के लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिए अच्छी खबर। राज्य सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र की जमीनी समस्याओं के समाधान के लिए एक संयुक्त कार्य समूह (ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप) का गठन किया है, जिसमें लघु उद्योग भारती के चार सक्रिय प्रतिनिधियों को सदस्य मनोनीत किया है।
लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने बताया कि इस कदम से प्रदेश के लाखों लघु व सूक्ष्म उद्यमियों की आवाज अब सरकार तक सीधे पहुंचेगी और उनकी वास्तविक समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल किया जा सकेगा। संस्था के प्रदेशाध्क्ष योगेंद्र शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित इस संयुक्त कार्य समूह का उद्देश्य प्रदेश में लघु व सूक्ष्म उद्योगों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझकर उनका समाधान प्रस्तुत करना और औद्योगिक विकास को गति देना है। संस्था के प्रतिनिधि इस समिति में प्रदेश भर के लघु व सूक्ष्म उद्योगों की समस्याओं को एकत्र कर प्रस्तुत करेंगे तथा उनके समाधान हेतु व्यवहारिक सुझाव देंगे।
उन्होंने कहा कि यह संयुक्त समिति विभिन्न विभागों में समन्वय कर प्रदेश में औद्योगिक भूमि की उपलब्धता व आवंटन प्रक्रिया को सरल बनाएगी। वित्तीय सहायता, निर्यात और ग्रामीण उद्योगों के एकीकरण जैसे विषयों पर ठोस सुझाव देगी। जिससे सरकारी योजनाओं और लाभों को लघु उद्योगों तक पहुँचाने की प्रक्रिया आसान हो जायेगी।
राजस्थान में लघु उद्योगों के लिये सुनहरा भविष्य
लघु उद्योग भारती ने राज्य सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तथा उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का आभार जताया। इस संयुक्त समिति का कार्यालय उद्योग भवन, जयपुर में रहेगा। समिति आगामी तीन माह में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी।
लघु एवं सूक्ष्म क्षेत्र के उद्यमियों का आह्वान
संस्था ने सभी उद्योगों विशेषकर लघु एवं सूक्ष्म क्षेत्र के उद्यमियों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं व सुझावों को संगठन के माध्यम से प्रस्तुत करें, जिससे उनकी समस्याओं को उच्च स्तरीय समिति तक पहुँचाया जा सके। यह संयुक्त कार्य समिति प्रदेश में लघु उद्योगों की आवाज बनने का सशक्त मंच है।
हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द