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भोपाल, 6 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के आठवें दिन बुधवार को सदन में राज्य सरकार द्वारा 8 विधेयक पेश किए गए। भारतीय स्टांप मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक 2025 समेत सभी 8 विधेयक चर्चा के बाद पारित कर दिए गए। भारतीय स्टांप मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा-स्टांप ड्यूटी बढ़ाने पर लोगों पर बोझ बढ़ेगा। उन्होंने इसे जनता की जेब खाली करने वाला विधेयक बताया। विपक्ष ने स्टांप शुल्क बढ़ाने का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया और जमकर नारेबाजी की।
मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को जो 8 विधेयक पारित हुए, उनमें मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान संशोधन विधेयक-2025, मध्य प्रदेश जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक-2025, मध्य प्रदेश माध्यमस्थ अधिकरण संशोधन विधेयक-2025, विधिक सहायता और विधिक सलाह निरसन विधेयक-2025, भारतीय स्टांप मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक-2025, मध्य प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक-2025, रजिस्ट्रीकरण मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक-2025 और भारतीय स्टांप मध्य प्रदेश द्वितीय संशोधन विधेयक-2025 शामिल है।
सदन में मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने मध्य प्रदेश जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2025 पेश किया, जिस पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने कहा कि यह विधेयक सदन के अंतिम कार्य दिवस के बीच में लाया गया है, जिससे इस पर व्यापक चर्चा नहीं हो पाएगी। विधेयक में 80 धाराओं में संशोधन की बात कही गई है, जो बगैर पूरी चर्चा के पारित करना उचित नहीं है। सोहनलाल ने कहा कि जिन मामलों में कोर्ट से सजा होती है उनको जन विश्वास विधेयक में शामिल करने से कोर्ट के अधिकार छीनने का काम किया जा रहा है। समाज के कमजोर वर्गों के लिए विधिक सहायता और विधिक सलाह निरसन विधेयक 2025 पर सदन में असहज स्थिति बन गई। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधायक फूल सिंह बरैया द्वारा विषयवस्तु से बाहर वक्तव्य दिया जा रहा है, इसलिए विषय पर बात होनी चाहिए।
बरैया ने जवाब में कहा कि इससे दिखता है कि विजयवर्गीय की एससी-एसटी के प्रति प्रजातांत्रिक सोच कैसी है। इस पर मंत्री ने कहा- मुझे आपसे सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैं सात बार से अपने क्षेत्र से निर्वाचित हो रहा हूं। आपको मुझे यह बताने की जरूरत नहीं कि मैं क्या सोच रखता हूं। मंत्री ने कहा कि आप जैसे लोग ही अपने वर्ग के लोगों को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं।
मंत्री गौतम टेटवाल ने विधेयक पर अपनी बात रखने के दौरान कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया द्वारा मंत्री विजयवर्गीय को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने समाज के कमजोर वर्ग के लिए कई काम किए हैं। टेटवाल ने सरकार के काम बताने शुरू किए तो कांग्रेस ने आपत्ति की। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री को विधेयक पर वक्तव्य देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से कमजोर वर्गों को मदद की जाती है। इसके साथ ही शिविर भी लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 1976 के इस नियम को लागू रखने का अब कोई औचित्य नहीं है, इसलिए इसे निरस्त किया जा रहा है।
उन्होंने जोर देते हुए बताया कि कमजोर वर्गों को एक लाख तीन करोड़ की मदद दी गई है। इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि एक लाख करोड़ दी गई है या एक करोड़ दी गई है, यह स्पष्ट नहीं है, राशि समझ में नहीं आई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मंत्री जी धीरे-धीरे अपनी बात रखें जो राशि को बताना चाहते हैं, वह धीमे बोलने से कम नहीं हो जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंत्री के जवाब के बाद शिविरों की जानकारी मांगी तो मंत्री टेटवाल जवाब नहीं दे पाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब भी जवाब देने के लिए आएं तो मौलिक और मूलभूत जानकारी साथ रहनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री और वाणिज्यिक कर विभाग के मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा पेश किए गए भारतीय स्टांप मध्य प्रदेश द्वितीय संशोधन विधेयक-2025 पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने भारतीय स्टांप संशोधन विधेयक पर सवाल उठाए। कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 साल में 5442 करोड़ की राशि लैप्स हो गई, सरकार खर्च नहीं कर पाई। उन्होंने सरकार द्वारा बार-बार लिए जा रहे कर्ज पर भी सवाल उठाए। साथ ही कहा कि भारतीय स्टांप संशोधन विधेयक के जरिए जो स्टांप ड्यूटी बढ़ाई जा रही है, वह लोगों पर बोझ बढ़ाएगी। उन्होंने किरायानामा और अन्य कार्यों के लिए 1000 की बजाय 5000 करने पर भी आपत्ति जताई और इसे जनता की जेब खाली करने वाला विधेयक बताया।
रजिस्ट्री एक्ट पर चर्चा करते हुए भाजपा विधायक अनिरुद्ध माधव मारु ने कहा कि रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेजों को लेकर किए जा रहे संशोधन में ये प्रावधान किया गया है कि अब बैंक से मॉर्टगेज की गई प्रॉपर्टी को सीधे रजिस्ट्री के बाद बैंक भेज दिया जाएगा। रजिस्ट्री के तुरंत बाद मॉर्टगेज की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके लिए अलग से बैंक जाकर प्रोसेस करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे रजिस्ट्री करने वालों का समय बचेगा। इसके लिए अलग से प्रक्रिया नहीं करने से रजिस्ट्री और मॉर्टगेज कराने वाले का समय भी बचेगा और अलग से दी जाने वाली राशि से भी राहत मिलेगी।
कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया और अन्य ने शपथ पत्र और किरायानामा की स्टांप राशि बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि 50 रुपये का किरायानामा 200 किया जा रहा है। यह जनता पर बोझ बढ़ाने वाला है। इसी तरह से किरायानामा में 1000 के बजाय 5000 के स्टाम्प लगाने का काम किया जा रहा है, इससे भी जनता पर बोझ बढ़ेगा। यह सरकार जनता की जेब खाली करने का काम कर रही है।
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए विधेयक से जनता पर बोझ बढ़ेगा। जयवर्धन ने कहा कि एक तरफ उद्योगपतियों को सरकार छूट देती है और दूसरी ओर आम जनता पर स्टांप शुल्क बढ़ाकर बोझ बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन समेत किसी तरह की पेंशन में कोई वृद्धि नहीं की जा रही है लेकिन संपत्ति के लेन-देन, कानूनी दस्तावेज, स्टांप ड्यूटी बढ़ाई जा रही है। जयवर्धन ने कहा कि एफिडेविट का सबसे अधिक उपयोग किसान और आम आदमी करता है, उसकी राशि बढ़ाई जा रही है। यह जनता के हित में नहीं है।
भाजपा विधायक हरदीप सिंह डंग ने फर्जी रजिस्ट्री कराए जाने का मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों द्वारा फर्जी रजिस्ट्री कराई जाती है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि जो भी व्यक्ति रजिस्ट्री कराता है, वह अपने जीवन की गाढ़ी कमाई जुटाकर रजिस्ट्री कराता है। डंग ने कहा कि बंधक प्लॉट की रजिस्ट्री कराए जाने के मामले में सरकार को ध्यान देना चाहिए, क्योंकि बंधक प्लॉट की रजिस्ट्री कराकर लोगों को उलझा दिया जाता है। जमीन की लोकेशन बदलने के मामलों में भी सरकार को कार्रवाई करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने चारों विधेयकों पर चर्चा करते हुए कहा कि सदन को नियम-कानून, विधेयक बनाने का अधिकार है, लेकिन आम जनता के हितों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग स्टांप ड्यूटी भरते हैं, क्या उनसे राय ली गई है। एक तरफ कहा जाता है कि हम टैक्स नहीं बढ़ा रहे हैं, दूसरी तरफ इस तरह से शुल्क बढ़ाया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री बताएं कि क्या जो टैक्स लगा रहे हैं, स्टांप ड्यूटी बढ़ा रहे हैं, उस विधेयक को वापस लेंगे या नहीं लेंगे। इसका सीधा जबाव दें।
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने जबाव देते हुए कहा कि जो बढ़ाया है वह सोच-समझकर बढ़ाया है। एससी-एसटी और ओबीसी के लिए एफिडेविट मुफ्त है। यह संशोधन 11 साल के बाद आए हैं, जो 64 बिंदु में से 12 बिंदु में प्रभावी होंगे। परिवार में संपत्ति विभाजन में प्रॉपर्टी विभाजन पर विधवा भाभी और उसके बच्चों को स्टांप ड्यूटी जमा करने के लिए पहले ज्यादा राशि देनी पड़ती थी, इस पर 5 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगता था, जिसे अब परिवार की परिभाषा के मुताबिक फोकस करते हुए 0.5% ही तय किया गया है। अभी परिवार के सदस्यों पर 0.5% पीसफुल क्लिनिक का प्रावधान है जो अब विधवा भाभी और उसके बच्चों पर भी लागू होगा। ऐसे मामले जिनमें कम पंजीयन फीस जमा की गई हो और शासन द्वारा शुल्क वसूली के लिए आदेश जारी किए गए हैं, ऐसे मामले में अब नई धारा जोड़ी गई है। जिसके विरुद्ध अपील भी की जा सकेगी। ऐसे दस्तावेज जिसमें स्टांप शुल्क जमा नहीं किया गया है, उस पर पेनल्टी दो प्रतिशत लगती है, जिसे अब एक प्रतिशत किया जा रहा है। यह संशोधन जनता के हित में है।
एग्रीमेंट और एफिडेविट पर टैक्स बढ़ाए जाने और विधेयक वापस नहीं लिए जाने के विरोध में नेता प्रतिपक्ष समेत कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।सदन के बाहर विपक्षी विधायकों ने सरकार के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आज सदन में आठ विधायक पारित हुए और सभी पर चर्चा हुई है। विधानसभा अध्यक्ष ने इसमें चर्चा कराई है। इसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं। इससे पहले ईश्वर दास रोहाणी के कार्यकाल में भी एक बार एक दिन में आठ विधायक पारित हुए थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर