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भाेपाल, 6 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश में दो नवगठित जिलों मऊगंज और पांढुर्णा में बीजेपी के भव्य ऑफिस बनाए जा रहे हैं। दोनों जिलों में जिला मुख्यालयों पर ये ऑफिस बनाए जाएंगे। बीजेपी के दफ्तर सरकारी जमीन पर बनेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है। बीजेपी को दफ्तर बनाने के लिए सरकारी जमीन देने का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में संविधान की धज्जियां क्यों उड़ाई जा रही हैं?
जीतू पटवारी ने बुधवार काे मीडिया काे जारी बयान में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को तोड़ते हुए जनता की जमीन को भाजपा के स्थायी दफ्तरों में बदलना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि मऊगंज और पांढुर्णा जैसे नवगठित जिलों में सरकारी जमीन को भाजपा कार्यालय बनाने के लिए कैबिनेट से मंजूरी दी गई है। क्या अब भाजपा सरकार ने जनता की संपत्ति को अपना निजी स्थायी पता मान लिया है? उन्हाेंने गुना और नीमच की घटनाओं का उल्लेख करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा है कि गुना में डेढ़ बीघा सरकारी जमीन पर बीजेपी दफ्तर के लिए सालों से रह रहे आदिवासी परिवारों के घर अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिए गए। बीजेपी को दफ्तर बनाने के लिए सरकारी जमीन दी जा रही है। नीमच में 20 हजार वर्ग फीट जमीन भाजपा ने कब्जा में ले ली, जिसका बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं, जमीन से जुड़े एक भी पैसे का भुगतान अब तक नहीं किया गया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मध्य प्रदेश में अब सरकारी जमीनों की खुली लूट की छूट भाजपा को है? पटवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन के दुरुपयोग पर पहले भी गंभीर टिप्पणी की थी, लेकिन मोहन सरकार खुलेआम संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है।
कांग्रेस की मांग :
- भाजपा को आवंटित की गई सारी सरकारी जमीनें वापस ली जाएं।
- इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे