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बलरामपुर, 6 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शासकीय महाविद्यालय बलरामपुर में आज बुधवार को दीक्षारंभ समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का उद्देश्य नवप्रवेशित विद्यार्थियों का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें उच्च शिक्षा के उद्देश्य, अनुशासन, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं नैतिक मूल्यों से परिचित कराना था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश जायसवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में बलरामपुर नगरपालिका अध्यक्ष लोधिराम एक्का, सांसद प्रतिनिधि मंगलम पांडेय, गौतम सिंह, बबली संबल, भानुप्रकाश दीक्षित, सीबी सिंह, समीर सिंह देव, गोपाल कृष्ण मिश्र, धुरंधर तिवारी, विजय प्रताप सिंह, दीनानाथ यादव, जयप्रकाश संबल, अजय गुप्ता, अमरेश्वर सिंह, विनय पाठक, मंजीत सिंह, लवकुश सिंह, शिवलाल प्रजापति मंचासीन रहे।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश जायसवाल ने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की आत्मा से जुड़ी हुई है। यह केवल पाठ्यक्रम परिवर्तन नहीं, बल्कि मानसिकता परिवर्तन की नीति है। विद्यार्थियों को अब केवल नौकरी के लिए नहीं, जीवन के लिए तैयार किया जाएगा। दीक्षारंभ केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण की आधारशिला है। विद्यार्थी जीवन के आरंभ में ऐसे आयोजनों से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुशासन, सेवा और राष्ट्रहित में समर्पण के साथ शिक्षा प्राप्त करने की अपील की।
लोधिराम एक्का ने कहा कि, यह संस्था महाविद्यालय को संसाधन, पारदर्शिता और जनसहयोग के माध्यम से सशक्त बनाने हेतु कटिबद्ध है। नई शिक्षा नीति ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को उनके सांस्कृतिक संदर्भों के साथ शिक्षा देने की बात करती है। यह समावेशी शिक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। उन्होंने विद्यार्थियों से सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया।
भानुप्रकाश दीक्षित ने महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास का स्मरण करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि वे अनुशासन और अध्ययन को अपना धर्म मानें। उन्होंने कहा कि यही दीक्षारंभ उनका चरित्र निर्माण का प्रथम चरण है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे डिजिटल साक्षरता, कौशल विकास और नैतिकता को अपनी शिक्षा का अभिन्न अंग बनाएं। एनईपी 2020 विद्यार्थियों के समग्र मानसिक विकास, रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देती है। दीक्षारंभ ऐसे अवसर हैं जो विद्यार्थी को न केवल ज्ञान की ओर, बल्कि आत्मचिंतन और आत्मविकास की ओर भी प्रेरित करते हैं।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य एन. के. देवांगन ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि दीक्षारंभ केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन की एक नई यात्रा का शुभारंभ है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उच्च आदर्श, अनुशासन, अध्ययनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। साथ ही उन्होंने सभी अतिथियों, समिति सदस्यों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
इसके बाद नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं का पारंपरिक विधि से स्वागत कर उन्हें महाविद्यालय के शैक्षणिक, नैतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से परिचित कराया गया। छात्र-छात्राओं को विषय-विशेषज्ञों द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के नियमानुसार विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय