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नई दिल्ली, 6 अगस्त (हि.स.)। अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में वाक्य प्रतियोगिता नाम की विचारोत्तेजक अंतर-महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति और अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान (एआईएसई) ने आयोजित किया था। जिसे संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने प्रायोजित किया।
प्रतियोगिता के विषय में 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में युवाओं की भूमिका ने छात्रों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में युवा स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर गहन विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में लोकसभा सांसद और राष्ट्रमंडल महिला सांसद समिति की अध्यक्षा डी. पुरंदेश्वरी मुख्य अतिथि रहीं। उत्तर प्रदेश सरकार की पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व संसद सदस्या प्रो. रीता बहुगुणा जोशी विशिष्ट अतिथि रहीं, इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. पूनम कुमरिया ने समारोह की अध्यक्षता की। हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति, उत्तर प्रदेश के सचिव देव वर्मा भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
डी. पुरंदेश्वरी ने भारत छोड़ो आंदोलन की स्थायी प्रासंगिकता पर विचार प्रकट किए और स्वतंत्रता तथा आत्मनिर्भरता के मूल्यों पर जोर दिया जो आज भी भारत के युवाओं में गूंजते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थायी विरासत न केवल स्वतंत्रता सेनानियों को बल्कि उन हजारों गुमनाम नायकों को भी सम्मानित करती है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी कहानियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
इस प्रतियोगिता में दिल्ली विश्वविद्यालय के 17 से अधिक महाविद्यालयों से कुल 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया। छात्र वक्ताओं ने स्पष्ट और भावपूर्ण भाषणों की प्रस्तुति दी। जिनमें ऐतिहासिक अंतर्दृष्टि, समकालीन प्रासंगिकता और वाक्पटुता की उत्कृष्टता झलकती थी। एक छात्रा ने स्वतंत्रता को 1942 के युवाओं के खून, पसीने और आंसुओं से हस्ताक्षरित एक खाली चेक के रूप में वर्णित किया। अन्य ने विकसित भारत के मार्ग के बारे में बात की और इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता एक अधिकार है, न कि एक अनुरोध।
यह प्रतियोगिता एआईएसई द्वारा आयोजित भाषिक विषयक कार्यक्रमों की राष्ट्रीय शृंखला का तीसरा संस्करण था। जिसके पिछले सत्र संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में आयोजित किए गए थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी