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भुवनेश्वर, 6 अगस्त (हि.स.)। राज्य सरकार ने प्रदेश के समस्त नगर निगमों, नगरपालिकाओं और अधिसूचित क्षेत्र परिषदों के अंतर्गत आने वाले सभी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साइनबोर्ड पर ओड़िया लिपि का उपयोग अनिवार्य किया है। राज्य सरकार के आवास एवं शहरी विकास विभाग की प्रमुख सचिव उषा पड्ढी ने इस संबंध में एक निर्देश जारी किया है ।
यह आदेश राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर ओड़िया भाषा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि संकेत पट्टों को आम नागरिकों, विशेषकर गैर-हिंदी या अंग्रेज़ी जानने वाले लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाया जा सके।
निर्देश के प्रमुख बिंदुओं में कहा गया है कि सभी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके साइनबोर्ड के कुल क्षेत्रफल का कम से कम 60% भाग ओड़िया लिपि में हो। इस कदम से राज्य की राजभाषा की दृश्यता और महत्व को सुदृढ़ किया जाएगा। नियमों का पालन करने वाले प्रतिष्ठानों को व्यापार लाइसेंस के नवीकरण शुल्क पर 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जो SUJOG या Bhubaneswar.me पोर्टल के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
शहरी स्थानीय निकायों को निर्देश दिया गया है कि वे व्यापार लाइसेंस के नवीकरण और निरीक्षण के दौरान इस नियम के पालन की जांच करें और यह प्रक्रिया 30 सितंबर 2025 तक पूरी कर लें। नियमों का पालन न करने वाले प्रतिष्ठानों को औपचारिक नोटिस भेजा जाएगा और उन्हें साइनबोर्ड को संशोधित करने के लिए 55 दिन की समयसीमा दी जाएगी। निर्धारित समयसीमा के बाद भी अनुपालन न करने पर 500 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा।
सभी नगर निगमों, नगरपालिकाओं और अधिसूचित क्षेत्र परिषदों को निर्देशित किया गया है कि वे दुकानदारों को इस नए नियम के बारे में जागरूक करने हेतु प्रचार-प्रसार अभियान चलाएं और उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करें। साथ ही, सभी शहरी स्थानीय निकायों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए 60 दिनों के भीतर नगर प्रशासन निदेशालय को एक विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो