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हरिद्वार, 19 जुलाई (हि.स.)। 23 जुलाई को भगवान शिव का जलाभिषेक होगा। इसके लिए हरिद्वार से कांवड़िए गंगाजल भरकर अपने-अपने गंतव्यों की ओर कूच कर रहे हें। साथ ही डाक कांवड़ियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। बीते 24 घंटों में हजारों डाक कांवड़िए भारी भरकम डीजे सिस्टम, बड़े वाहनों और ऊंचे साउंड सिस्टम के साथ हरिद्वार पहुंच चुके हैं।
कांवड़ियों के वाहनों से बैरागी कैंप की अस्थायी पार्किंग फुल हो चुकी है। डाक कांवड़ियों की भारी आमद को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।
हालांकि 90 के दशक तक डाक कांवड़ का प्रचलन नहीं था। किन्तु उसके बाद धीरे-धीरे कांवड़ का स्वरूप बदला और अब डाक कांवड़ बड़ी संख्या में लेकर लोग आने लगे है।
डाक कांवड़ वह परंपरा है, जिसमें श्रद्धालु गंगाजल भरते ही बिना रुके सीधे अपने शिवालय तक दौड़ते हैं। कोई पैदल दौड़ लगाता है तो कोई वाहनों से गंगाजल लेकर फर्राटा भरते हैं। इस बार डीजे की धमक, भारी गाड़ियों की चमक और तेज गति ने डाक कांवड़ को एक शक्ति प्रदर्शन में बदल दिया है।
जहां एक ओर बाइक और बड़े वाहनों पर डाक कांवड़िए उमड़ रहे हैं, वहीं पैदल जल भरने वाले श्रद्धालु भी अब अपनी रफ्तार तेज कर चुके हैं। उन्हें किसी भी हाल में सोमवार को भोलेनाथ पर जल चढ़ाने से पहले अपने शिव मंदिरों तक पहुंचना है।
हरिद्वार में इन दिनों डीजे पर गूंजते भक्ति गीत और कांवड़ियों की टोली भक्ति के साथ ऊर्जा का संगम बनकर निकल रही है। लेकिन अत्यधिक ध्वनि, ट्रैफिक जाम और असंतुलित रफ्तार ने अनुशासन और मर्यादा पर सवाल भी खड़े किए हैं। प्रशासन ने कांवड़ियों से अपील की है कि धार्मिक आस्था के साथ-साथ अनुशासन का भी ध्यान रखें। डीजे की आवाज की सीमा तय है और तेज रफ्तार वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अधिक ऊंचाई वाले डीजे को प्रशासन ने बार्डर में रोकने की कार्यवाही की, किन्तु बड़ी संख्या में तेज आवाज के डीजे से अभी भी लोग परेशान हैं। बहरहाल जलाभिषेक में अभी तीन दिन का समय शेष है। 23 जुलाई को जलाभिषेक होना है। जिस तरह से कांवड़ियों का आगमन हो रहा है, उसको देखते हुए आगामी दो दिनों में कांवड़ियों के भारी तादाद में तीर्थनगरी पहुंचने की संभावना है। इस बार कांवड़ियों की संख्या छह करोड़ से ऊपर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला