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श्रीनगर, 19 जुलाई (हि.स.)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता और पुलवामा के विधायक वहीद उर रहमान पारा ने शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर सरकार पर नए डिजिटलीकरण अभियान से जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा उर्दू को जानबूझकर हटाने और उसकी जगह अंग्रेजी लाने का आरोप लगाया।
पारा ने कहा कि पीढ़ियों से राजस्व रिकॉर्ड का अभिन्न अंग रही उर्दू भाषा को पूरी तरह से हटाया जा रहा है और पूरी प्रक्रिया केवल अंग्रेजी में की जा रही है।
उन्होंने आगे दावा किया कि इस कदम का आदेश खुद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिया है क्योंकि राजस्व विभाग का कार्यभार उनके पास है।
एक्स पर एक पोस्ट में पारा ने लिखा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के पास राजस्व विभाग है और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के एक और दौर का आदेश दिया है। इस बार यह प्रक्रिया पूरी तरह से अंग्रेजी में की जा रही है जिसमें उर्दू को पूरी तरह से हटा दिया गया है जो पीढ़ियों से हमारे राजस्व रिकॉर्ड का अभिन्न अंग रही है।
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में से एक उर्दू को नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार द्वारा नए डिजिटलीकरण प्रयास से जानबूझकर क्यों हटाया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता