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ऊना, 19 जुलाई (हि.स.)। सांसद अनुराग ठाकुर ने शनिवार को यहां आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता की और केंद्र प्रायोजित विकास योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सांसद निधि से स्वीकृत समस्त कार्यों को दिसंबर 2025 तक हर हाल में पूर्ण किया जाए।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जहां आवश्यक हो, वहां मनरेगा के तहत कन्वर्जेंस करते हुए लंबित कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें, ताकि योजनाओं की गति और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने मलाहत में बन रहे पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के कार्य में देरी पर गहरी नाराज़गी जताते हुए क्रियान्वयन एजेंसी को दिसंबर 2025 तक सभी सुविधाओं सहित निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ओपीडी और आईपीडी समेत सभी अत्याधुनिक सेवाएं तय समय में उपलब्ध होनी चाहिए। भूमि की निशानदेही पूर्ण कर स्थानीय निवासियों की रास्ता मुहैया कराने संबंधी समस्याएं भी प्राथमिकता से हल करने को कहा।
सांसद ने ऊना रेलवे स्टेशन को हिमाचली कला संस्कृति व सौंदर्यबोध के अनुरूप विकसित करने के निर्देश दिए। स्टेशन के प्रवेश व निकास बिंदु, जन सुविधाएं, कैंटीन, टॉयलेट आदि की स्थिति सुधारने के साथ पार्किंग व्यवस्था के लिए अगले 30 वर्षों की यातायात संभावनाओं पर आधारित विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन में मार्च 2026 से पहले सभी नए कोच जोड़े जाएं और यहां से संचालित सभी ट्रेनों में शौचालय सुविधाएं सुनिश्चित हों।
अनुराग ठाकुर ने ऊना जिले में प्रस्तावित फोरलेन परियोजनाओं की डीपीआर बनाने से पहले पूरी व्यावहारिकता के साथ अध्ययन करने के निर्देश दिए गए। सांसद ने कहा कि डीपीआर बनाते समय यह तय किया जाए कि मुख्य बाजार चोक न हों, बायपास कहां जुड़े और सड़कों का ग्रेड इस तरह हो जिससे दुर्घटनाओं में कमी आए। सांसद ने लीड बैंक मैनेजर से यह डेटा प्रस्तुत करने को कहा कि जिले में किन क्षेत्रों में 5 किमी के दायरे में बैंक शाखा नहीं है।
ऊना में अवैध और अवैज्ञानिक खनन पर चिंता जताते हुए सांसद ने कहा कि इससे प्रदेश की संपदा और राजस्व दोनों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने तय सीमा से अधिक मलबा ढोने वाले टिप्परों पर सख्त कार्रवाई करने और पकड़े गए अवैध माल पर तीन से चार गुना जुर्माना लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने अंब उपमंडल में खुले केंद्रीय विद्यालय के लिए शीघ्र भवन सुनिश्चित करने और सुचारू रूप से कक्षाएं चलाने पर ध्यान देने को कहा गया। बरसात में जलभराव वाले रेलवे अंडरपासों के लिए स्थायी समाधान खोजने और भविष्य उन्मुखी दृष्टिकोण से निर्माण कार्य करने के निर्देश दिए। सांसद ने बताया कि पीएमजीएसवाई फेज 1 व 2 के तहत जिले में 190 कार्यों पर 311.28 करोड़ तथा पुलों पर 23.26 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। योजना के तीसरे चरण में 30 नई सड़क व पुल परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि निजी भूमि पर किराये पर रह रहे प्रवासी मजदूरों को शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाई जाएं।
हिन्दुस्थान समाचार / विकास कौंडल