बीस करोड़ रुपये की लागत से बना पुल बारिश से तहस नहस
बारिश बीस करोड़ रुपये लागत से बना पुल को तहस नहस


बारिश बीस करोड़ रुपये लागत से बना पुल को तहस नहस


--जलभराव के कारण गावों में सिमट कर रह गई जिंदगी--विकास खण्ड क्षेत्र के दर्जनों गांवों अब भी कस्बे से कटे

हमीरपुर, 19 जुलाई (हि.स.)। चौबीस घंटे से अधिक समय हुई जोरदार बारिश से मौदहा विकास खण्ड के लगभग आधे से अधिक गावों में जलभराव के कारण मौदहा कस्बे से सम्पर्क कट गया था और लगभग दो दर्जन गांवों में जलभराव के कारण लोगों की जिंदगी गावों तक सिमट गई है। लेकिन बारिश थमने के चौबीस घंटे बाद भी पानी उतरने का नाम नहीं ले रहा है जिसके चलते लोगों को आवश्यक कामों के लिए जान जोखिम में डालकर निकलना पड़ रहा है जबकि शनिवार को कुछ गांवों में प्रशासन की ओर से नाव भेजने की बात भी सामने आ रही है।

बीते बुधवार शाम से शुक्रवार तक क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बारिश से क्षेत्र में जगह जगह सड़कें कट गई हैं और छोटे बड़े नालों में उफान आने के कारण पानी रपटे के ऊपर से बह रहा है जबकि कुछ गांवों में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए हैं। राहत की बात यह रही कि शनिवार से बारिश रुकी हुई है अन्यथा स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। इस भीषण बारिश में बीस करोड़ रुपए लागत से सीहो नाले पर बने पुल में हुए भ्रष्टाचार की परतें उस समय खुल गई जब एक दिन की बारिश में बीस करोड़ रुपये के बने पुल को तहस नहस कर गई और सड़कें बड़ी आसानी से कट कर बह गई। वहीं कोतवाली क्षेत्र के मदारपुर मार्ग में बहने वाले नाले के उफान के चलते गावों का सम्पर्क पूरी तरह से कट गया है और लोगों को जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर होना पड़ रहा है

वहीं कपसा मार्ग पर श्याम नाले का पानी आ जाने के लिए मार्ग अवरुद्ध हो गया है। वहीं कपसा के निकट बनी नहर के अण्डर पास में पानी भरने के कारण रास्ता लगभग बंद है। वहीं पढोरी में चंद्रावल नदी का पानी रपटें के ऊपर से बह रहा है जहां पर दोनों ओर पुलिस तैनात है। जबकि बिगहना से मुटनी जाने वाले रास्ते में नाले का पानी उफान पर होने के कारण पारा, लदार, रतौली सहित अन्य गावों का सम्पर्क पूरी तरह से कट गया है। जहां प्रशासन ने नावों को भेजने की बात कही है। इतना ही नहीं बडेली नाले का पानी भी रपटे के ऊपर से बह रहा है जिसके चलते आईटीआई कालेज जाने वाले छात्र कालेज नहीं जा पा रहे हैं तो। छिमौली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है। बताते चलें कि जिला प्रशासन चाहे सम्भावित बाढ़ की तैयारी के कितने ही दावे कर रहा हो लेकिन एक दिन की बारिश ने सभी सरकारी दावों की पोल खोल कर रख दी है। हालांकि राहत की बात यह रही कि चौबीस घंटे से बारिश रुकी हुई है अन्यथा स्थिति भयावह हो सकती थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा