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नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.स.)। 1857 की क्रांति के नायक मंगल पांडे की जयंती पर देशभर के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट साझा कर इस महान क्रांतिकारी को याद करते हुए उनके अद्वितीय साहस व बलिदान को नमन किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिखा, महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। वे ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती देने वाले देश के अग्रणी योद्धा थे। उनके साहस और पराक्रम की कहानी देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने भी मंगल पांडे को नमन करते हुए अपने संदेश में लिखा, “1857 के संग्राम के नायक, अद्वितीय योद्धा व राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा मंगल पांडे जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने 1857 के संग्राम को अपने पराक्रम की चिंगारी से विशाल ज्वाला बनाकर अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी। उनके नेतृत्व में बैरकपुर छावनी आजादी के आंदोलन का केंद्र बन गई और देशभर में आजादी की ऐसी लहर चली, जिससे अंग्रेजों की नींद उड़ गई। देश के हर युवा को उनके जीवन से मातृभूमि के प्रति समर्पण की प्रेरणा लेनी चाहिए।”
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगल पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “भारत के स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी योद्धा मंगल पांडे जी की जयंती पर उन्हें विनम्र अभिवादन।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगल पांडे की वीरता को याद करते हुए लिखा, “भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में विद्रोह का बिगुल फूंकने वाले अमर क्रांतिकारी मंगल पांडे की जयंती पर उन्हें मैं नमन करता हूँ। उन्होंने अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ संघर्ष की शुरुआत करके देश में आज़ादी की नई चेतना जगाई। उनका त्याग और बलिदान देश की आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”
पोर्ट्स, शिपिंग और वॉटरवेज़ मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लिखा, मां भारती के वीर सपूत, जिन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी प्रज्वलित की, वीर मंगल पांडे जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। उनका अदम्य साहस, निस्वार्थ बलिदान और मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम, राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सदैव प्रेरित करता रहेगा।.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने लिखा, “1857 की क्रांति के महानायक, भारत माता के वीर सपूत, अमर शहीद मंगल पांडे जी की जयंती पर शत-शत नमन। मातृभूमि के लिए उनका संघर्ष और बलिदान युगों-युगों तक हमारी भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
देशभर में मंगल पांडे को याद करने का यह सिलसिला केवल नेताओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आम लोगों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी। उनके बलिदान को लेकर हर वर्ग में गौरव और कृतज्ञता की भावना देखने को मिली।
मंगल पांडे भारत की आजादी की पहली लड़ाई के अग्रदूत माने जाते हैं। वे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में सिपाही थे और 29 मार्च 1857 को उन्होंने बैरकपुर छावनी में अंग्रेज अफसरों पर हमला करके विद्रोह की शुरुआत की थी। उस समय सैनिकों को जो एनफील्ड राइफल दी जा रही थी, उसके कारतूस में गाय और सुअर की चर्बी लगी होती थी, जिससे हिंदू और मुस्लिम सिपाहियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। मंगल पांडे ने इसका खुला विरोध किया और अपने अफसरों पर गोलियां चलाईं। यही घटना 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का सूत्रपात बनी।
ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें 8 अप्रैल 1857 को फांसी दी लेकिन उनके बलिदान की चिंगारी पूरे देश में फैल गई। उनका साहस, त्याग और मातृभूमि के लिए जुनून आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। मंगल पांडे का नाम भारतीय इतिहास में उस पहले योद्धा के रूप में दर्ज है जिसने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत कर भारत की आजादी की नींव रखी।
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हिन्दुस्थान समाचार / prashant shekhar