सिंधु जल संधि पर रोक से आने वाले समय में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा-उपराज्यपाल सिन्हा
सिंधु जल संधि पर रोक से आने वाले समय में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा-उपराज्यपाल सिन्हा


जम्मू, 19 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को दोहराया कि खून और पानी साथ-साथ नहीं चल सकते और पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर रोक से आने वाले समय में उसकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

संत कुमार शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक सिंधु जल संधि - तथ्यों का प्रतिबिंब के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए उपराज्यपाल ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा कि मैं पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने हमारे नागरिकों को मार डाला। ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया और जो हुआ वह सभी जानते हैं। उससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था जो एक ऐतिहासिक फैसला था। इस संधि के बाद भारत को तीन युद्ध भी लड़ने पड़े और भारत सिंधु जल संधि को रोक नहीं पाया। उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित किया लेकिन प्रधानमंत्री ने यह फैसला लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी और खून साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।

सिंधु जल संधि को रोकने का यह कदम ऐसा है जिसका खामियाजा पाकिस्तान को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा। पाकिस्तान अपनी 1.6 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर खेती के लिए भारत के पानी पर निर्भर है। 23.7 करोड़ आबादी इस संधि पर निर्भर है। आने वाले वर्षों में इस संधि का असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अब भारतीय पानी से केवल भारत को ही मदद मिलेगी।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि राज्य आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध के रूप में लिया जाएगा। हम आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर के लक्ष्य को प्राप्त करने के बहुत करीब हैं। आम कश्मीरी इस आतंकवाद के खिलाफ है, पाकिस्तान ने कई निर्दाेष कश्मीरियों की जान ली है। आतंकवाद के मामलों में एफआईआर दर्ज की जाएगी और आतंकवाद से प्रभावित लोगों को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि कल अमेरिका ने टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। हम आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

इससे पहले उपराज्यपाल ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जम्मू में प्रांतीय आर्य महासम्मेलन को संबोधित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह