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- राज्य सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के बढ़े हुए मानदेय के साथ अब मिलेगा 25,000 रुपये - मेडिकल काॅलेज के पाठयक्रम में सीटाें में हुई वृद्धि करते हुए अब संख्या बढ़कर हुई 50
शिमला, 19 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश सरकार शीघ्र ही सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी सेवाओं की शुरुआत के लिए विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने जा रही है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि इन विशेषज्ञ सर्जनों की भर्ती के लिए नियमों का प्रस्ताव जल्द ही प्रदेश मंत्रिमंडल के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी के विशेषज्ञ न केवल सर्जरी करेंगे, बल्कि अन्य चिकित्सकों को भी इस अत्याधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देंगे, जिससे प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक सशक्त टीम तैयार होगी। सरकार का उद्देश्य है कि मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ही बेहतर और उच्च गुणवत्तायुक्त उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर-स्पेशलिटी में मरीजों को दिल्ली के एम्स के समकक्ष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, जहां शीघ्र ही रोबोटिक सर्जरी सेवाएं शुरू होंगी। साथ ही, डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में भी जल्द ही रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, हमीरपुर और इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में भी रोबोटिक सर्जिकल मशीनें लगाने की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री ने रिक्त पदों को शीघ्र भरने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में 100 नए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी, वहीं चमियाना संस्थान में 50 अतिरिक्त नर्सों की नियुक्ति भी की जाएगी। साथ ही, पैरामेडिकल, तकनीकी और सहायक स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के मानदेय में भी वृद्धि की है। ऑपरेशन थियेटर सहायकों का मासिक मानदेय 17,820 से बढ़ाकर 25,000 रुपये तथा रेडियोग्राफरों व एक्स-रे तकनीकी स्टाफ का मानदेय 13,100 से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 वर्षों बाद प्रदेश सरकार ने प्रमुख पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। आईजीएमसी शिमला में बीएससी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग तथा बीएससी एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 की गई है। वहीं, टांडा मेडिकल कॉलेज में इन पाठ्यक्रमों में सीटें 18 से बढ़ाकर 50 की गई हैं। इससे स्थानीय युवाओं को राज्य में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण के अधिक अवसर मिलेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा