उपराज्यपाल ने आज एसकेयूएएसटी जम्मू के बाबा जित्तो ऑडिटोरियम में प्रांतीय आर्य महासम्मेलन को किया संबोधित
उपराज्यपाल ने आज एसकेयूएएसटी जम्मू के बाबा जित्तो ऑडिटोरियम में प्रांतीय आर्य महासम्मेलन को किया संबोधित


जम्मू, 19 जुलाई (हि.सा) उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज एसकेयूएएसटी जम्मू के बाबा जित्तो ऑडिटोरियम में प्रांतीय आर्य महासम्मेलन को संबोधित किया। आर्य प्रतिनिधि सभा जम्मू कश्मीर द्वारा महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दो दिवसीय महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

उपराज्यपाल ने सेना जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की शांति और प्रगति के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। लेकिन कुछ तत्व ऐसे हैं जो टीआरएफ की भाषा बोलते हैं। पुलिस प्रशासन और सुरक्षा बल शांति सुनिश्चित करने और ऐसे तत्वों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक नागरिक की आतंकवाद-मुक्त और नशा-मुक्त केंद्र शासित प्रदेश बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रांतीय आर्य महासम्मेलन नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा और उन्हें महर्षि दयानंद सरस्वती की महान शिक्षाओं और आदर्शों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा जिनका 21वीं सदी में मानवता के लिए बहुत महत्व है।

उपराज्यपाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैदिक ज्ञान का पुनरुद्धार और स्कूली पाठ्यक्रम में इसका एकीकरण युवा पीढ़ी को विश्व साहित्य की महान कृतियों, हमारी प्राचीन सभ्यता के मूल्यों और आदर्शों के साथ-साथ विज्ञान, कला, मानविकी और गणित में ज्ञान का खजाना प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। उपराज्यपाल ने कहा कि जब 6000 साल पहले वेदों की रचना हुई थी, तब भारत विश्व संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र था।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह