कुमाऊं विश्वविद्याल में रोपा गया जुरासिक युग का ‘जीवित जीवाश्म’ ‘जिंगो बाइलोबा’ का पौधा
कुमाऊँ विश्वविद्यालय में जिंगो बाइलोबा का पौधा रोपते कुलपति।


नैनीताल, 19 जुलाई (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के ऐतिहासिक हरमिटेज परिसर में शनिवार को ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत विशेष पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. दीवान रावत ने देवदार, चिनार व जुरासिक युग के जीवित अवशेष माने जाने वाले दुर्लभ ‘जिंगो बाइलोबा’ वृक्ष का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण व पारिवारिक मूल्यों के संवर्धन का संदेश दिया।

प्रो. रावत ने कहा कि जिस प्रकार माँ जीवन का आधार होती हैं, उसी प्रकार वृक्ष भी प्राणवायु प्रदान कर जीवन रक्षक भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अभियान को प्रकृति और परिवार के बीच के आत्मिक संबंध को मजबूत करने वाली पहल बताया। उन्होंने यह भी कहा कि केवल वृक्षारोपण नहीं, उनका संरक्षण और संवर्धन भी उतना ही आवश्यक है। कार्यक्रम की विशेषता जिंगो बाइलोबा जैसे दुर्लभ वृक्ष का रोपण रहा, जिसे वैज्ञानिक रूप से औषधीय गुणों से भरपूर और ‘जीवित जीवाश्म’ माना जाता है।

पौधरोपण में विश्वविद्यालय के पीआरओ एवं एनसीसी अधिकारी डॉ. रीतेश साह, डॉ. राजेन्द्र बोरा, जसोद बिष्ट, जतिन, कमल, सुरेन्द्र व भुवन जोशी ने भी सहभागिता की और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी परिसरों को हरित और सतत विकास की ओर अग्रसर करने हेतु चल रही हरित नीति, सौर ऊर्जा के उपयोग, जल संरक्षण व औषधीय उद्यान स्थापना जैसी पहलों की जानकारी भी साझा की।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी