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रांची, 19 जुलाई (हि.स.)। रांची के एक अस्पताल में देर रात मरीजों का हालचाल पूछते स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बेटे कृष अंसारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। वीडियो पर जहां कुछ लोग इसे नेतागिरी करार दे रहे हैं, वहीं मंत्री इरफान अंसारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसे संवेदनशीलता और सेवा भावना का प्रतीक बताया है।
मंत्री ने कहा कि कृष अस्पताल में निरीक्षण करने नहीं गया था, बल्कि अपने शिक्षक आदित्य कुमार झा के बीमार पिता को देखने गया था। उसी रात कुछ आदिवासी परिवार मंत्री आवास पर सहायता की गुहार लेकर पहुंचे, जिनके परिजन रिम्स में भर्ती थे। मानवीय आधार पर कृष उनसे मिलने गया और मदद की कोशिश की। संयोग से एक वरिष्ठ पत्रकार के परिजन भी अस्पताल में भर्ती थे, जिन्हें भी सहयोग की आवश्यकता थी।
इरफान अंसारी ने कहा कि कृष पढ़ा-लिखा, होनहार और संवेदनशील छात्र है, जो छुट्टियों में रांची आया है। मंत्री ने सवाल उठते हुए कहा है, क्या अब मदद करना भी अपराध हो गया है। क्या युवा की करुणा को भी राजनीतिक रंग में रंगा जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि समाज अब हर सकारात्मक पहल को संदेह की नजर से देखने लगा है। कृष बार-बार यही पूछ रहा है, क्या किसी की मदद करना गुनाह है।
मंत्री ने अपील किया कि समाज राजनीति का चश्मा उतार कर इस घटना को संवेदनशीलता की दृष्टि से देखे। यह एक युवा की भावना और सेवा-भावना का अपमान न हो।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar