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हरदा, 19 जुलाई (हि.स.)। राजपूत समाज ने 12-13 जुलाई की हरदा की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के विरोध में शनिवार को हरदा जिले में सम्पूर्ण बंद का आव्हान सफ़ल रहा। राजपूत परिषद के जिलाध्यक्ष राधेश्याम चौहान ने एक जिले के लोगों के नाम एक अपील जारी की गई । पिछले शनिवार 12 जुलाई को हरदा सिटी थाना एवं रविवार 13 जुलाई को राजपूत समाज एवं छात्रावास मंगल भवन में घुसकर पुलिस प्रशासन द्वारा बर्बरतापूर्ण बेसबॉल के बैट से लाठीचार्ज एवं खण्डवा बायपास चौराहे पर धरना स्थल पर वॉटरकैनिंग एवं आंसू गैस के गोले दागे गए थे। साथ ही दो पहिया वाहनों एवं चार पहिया वाहनों को निर्ममतापूर्ण रूप से जेसीबी मशीन द्वारा क्षति पहुंचाई गई थी।
इस घटना से राजपूत समाज एवं हरदा जिले के अन्य समाज भी आहत हुए थे। सभी समाजजन और व्यापारियों द्वारा शनिवार को राजपूत समाज छात्रावास एवं मंगल भवन से प्रारंभ होकर घंटाघर चौक पर महात्मा गांधी की प्रतिमा तक विरोध स्वरूप हरदा बंद के साथ साथ शांतिपूर्ण मौन रैली निकाली गई। हरदा जिले के सभी तहसील मुख्यालयों पर भी यथा हरदा, खिरकिया, टिमरनी, हण्डिया, सिराली, रहटगांव में भी बाजार बंद का आव्हान किया जो अधिकांशतः सफ़ल रहा। इस सम्बंध में हरदा, खिरकिया, टिमरनी में राजपूत समाज सहित सर्व समाज ने मुख्यमंत्री को शनिवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे।
ज्ञापन में बताया कि दिनांक 12 जुलाई 2025 को हरदा पुलिस थाना हरदा द्वारा गिरफ्तार किये गये अपराधियों को बिना जांच किये चालान प्रस्तुत कर जेल में भेज दिया गया।
थाना बुलाकर बिना नियमों का पालन किये पुलिस बल प्रयोग करते हुए करणी सेना जिला प्रमुख सुनिलसिंह राजपूत पीडित आवेदक सहित उनके तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया गया। इसके पश्चात इसी दिनांक को शाम को लगभग 7 बजे खण्डवा बॉयपास पर करणी सेना एवं महाराणा सेना के सदस्यों सुनील एवं अन्य गिरफ्तार किये गये साथियों की रिहाई हेतु विरोध स्वरुप शांतिपूर्वक धरना दिया गया था। इसी दिनांक को रात्रि लगभग 10 से 11 के बीच एसडीओपी अर्चना शर्मा द्वारा धरना स्थल पर ही यह स्वीकार किया गया कि आप लोग एंबुलेंस एवं आम जनता को निकलने में कोई परेशानी नहीं है किंतु आप लोग यह धरना समाप्त कर दिजिये तब मैं उनकी वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी रिहाई हेतु बात करूंगी। इस पर उपस्थिति सदस्यों द्वारा विनम्रता पूर्वक पुनः निवेदन किया गया कि आप हमारे साथियों को छोड दिजिये, हम धरना और प्रदर्शन समाप्त कर देंगे। साथ ही रात भर धरना प्रदर्शन शांति पूर्ण रहा।
घटना दिनांक 13 जुलाई को धरना प्रदर्शन कर रहें सदस्यों के आव्हान पर मध्यप्रदेश करणी सेना के प्रमुख जीवनसिंह शेरपुर का हरदा नगर आगमन लगभग 10-11 बजे घटना स्थल पर हुआ। जहां पुलिस प्रशासन द्वारा उनके व उनके साथियों के साथ लाठी चार्ज कर जेल भेज दिया गया ।
लाठीजार्च के चलते पुलिस के द्वारा हरदा डिग्री कॉलेज के बाजू में स्थिति बिल्डिंग के लोहे के दरवाजे को जेसीबी मशीन से तोड़कर गोलो के उपर गंभीर रुप से लाठीचार्ज कर मारा गया साथ ही आमजन को भी जो भी सामने आये उन्हें भी मारा गया जहां पर विडियो में एसडीएम पुलिस वालों से कह रहें है कि मारो मत मारो मत विडियों में कहते हुये सुनाई पड़ रहें है उसके पश्चात भी पुलिस द्वारा मारा जा रहा है। इस क्रम में जानबूझकर एक खाली एंबुलेंस को यह जताने के लिये लाया गया कि चक्कजाम करने वाले लोंगो ने एंबुलेंस को बाधा डाली गई।
पुलिस बल ने धरना स्थल पर आने वाले सभी चार पहिया एवं दुपहिया वाहनों को जेसीबी मशीन से भंगार की तरह उठाकर थाने ले जाकर पटक दिया गया वाहनों को जानबूझकर क्षतिग्रस्त किया गया।
राजपूत समाज के प्रतिष्ठित पूर्व जिला अध्यक्ष रामदास मायला की बहु की मुक्तिधाम के अंतिम संस्कार के पश्चात उन्हें श्रृंद्वाजलि में शामिल होने आये टिमरनी, खिरकिया, हरदा एवं सिराली तहसील के प्रमुख समस्त सामाजिक बंधु एवं रिश्तेदार श्रृद्धांजलि देने हेतु राजपूत छात्रावास एवं हरदा मांगलिक भवन में समय लगभग 11 बजे एकत्रित हुये थे। लगभग 1 घंटे के पश्चात पूरे राजपूत समाज को पुलिस प्रशासन के द्वारा आसपास से घेरकर पुलिस छावनी में परिवर्तित कर दिया गया तथा अंदर बैठे सामाजिक लोगों को बिना किसी सूचना के पुलिस द्वारा अंदर घुसकर लगभग 100 पुलिस कर्मियों द्वारा बेवजह मारा गया।
छात्रावास के कमरों के दरवाजे तोड़कर हॉल के दरवाजे तोड़कर अंदर बैठे लोगो को भी पीटा गया। साथ ही परिसर में चौकीदार की व्यवस्था के रुप में रह रहें परिवार की महिला एवं बच्ची के साथ दुर्व्यवहार किया गया। जिसमें एक बच्ची को चोट भी आई ।इसके अलावा तीन अन्य सामाजिक बंधुओं को गंभीर चोट आई। जिसमें से एक का ईलाज इन्दौर में चल रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसा लगता है कि राजपूत समाज के सदस्यों के विरुद्ध भी झुठे प्रकरण एक तरफा प्रशासन के द्वारा दर्ज कर लिए गये। उन्हें भी प्रशासन के द्वारा वापस लेना चाहिए। उन्होंने मांग कि है कि पुलिस एवं प्रशासन के द्वारा निर्दयतापूर्ण बर्बर कार्यवाही की गई है, उसकी न्यायिक जांच की मांग करते है इसके लिये न्यायाकि जांच निष्पक्ष हो । इसलिए संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों जिसके अंतर्गत कलेक्टर, पुलिस अधिक्षक, एसडीओपी, एसडीएम तथा संबंधित को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण अवश्यक करें तभी न्यायिक जांच निष्पक्ष संभव हो सकेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / Pramod Somani