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कानपुर, 19 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश की वजह से गंगा का जलस्थर काफी बढ़ा है लेकिन अभी भी गंगा खतरे के निशान से चार मीटर दूर है। फिर भी गंगा और कटरी के आस-पास रहने और यहां पर घूमने आने वाले लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कई घाटों की सीढ़ियां जलमग्न हो चुकी है। जिससे घबराने की कोई बात नहीं है। यह जानकारी शनिवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने दी।
उत्तर प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने कई जिलों में अलर्ट भी जारी किया है। इस बारिश में सबसे ज्यादा खतरा गंगा किनारे कटरी वाले इलाकों में होता है। ऐसे में प्रशासन भी लगातार स्थिति का मुआयना कर लोगों को सचेत करने का काम कर रहा है। इसी क्रम में जनपद में जिलाधिकारी गंगा बैराज का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने बताया कि, गंगा का जलस्तर काफी बढ़ा है लेकिन बाढ़ के खतरे का निशान 114 मीटर पर है। जबकि जलस्तर 110.83 मीटर की पर है। यानी गंगा जी खतरे के निशान से करीब चार मीटर दूर है। इस दौरान मौके पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
आगे उन्होंने बताया कि बैराज पर बाढ़ के खतरे का निशान 114 मीटर पर है। जब कभी गंगा का स्तर बढ़कर 113 मीटर तक पहुंचता है। तब चेतावनी दी जाती है। वर्तमान में कई घाटों की सीढ़ियां पूरी तरह से हो चुकी हैं जो स्वाभाविक है। फिर भी शहरवासियों को सचेत रहने की आवश्यकता है। ऐसे में गंगा में की गई जरा सी भी लापरवाही एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप