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पटना, 19 जुलाई (हि.स.)।
केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को कहा कि महिला सशक्तीकरण के बिना किसी भी परिवार, समाज, राज्य या देश के विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं का सशक्तीकरण देश के लिए मिसाल है ।
पंचायती राज मंत्री ललन सिंह शनिवार को सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में “महिला सहभागिता से विकसित बिहार की परिकल्पना” विषय पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का आयोजन भारतीय लोक प्रशासन संस्थान और जीविका ने संयुक्त रूप से किया।
उन्होंने कहा कि बिहार आज विकास के रास्ते पर इसलिए अग्रसर है कि जब नीतीश कुमार ने वर्ष 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाला तो सबसे पहले उन्होंने राज्य में महिला सशक्तीकरण की नींव रखी थी।
केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि आज देशभर में 9.2 प्रतिशत की विकास दर के साथ बिहार तीसरे स्थान पर है। इसका मुख्य कारण है महिला सशक्तीकरण।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की आबादी 50 प्रतिशत है। महिलाओं की शक्ति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले पहचाना और उन्हें न केवल समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रयास तेज किए बल्कि उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए उन्हें आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने का बीड़ा भी उठाया।
केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि सबसे पहले पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। बाद के दिनों में नीतीश कुमार ने स्वयं सहायता समूहों के जरिये महिलाओं को सशक्त करने की रणनीति बनाई। आज बिहार में 11 लाख स्वयं सहायता समूह हैं और इन समूहों से राज्य की 1.40 करोड़ से भी अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। बिहार की लड़कियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्होंने स्कूली छात्राओं के लिए साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी का फैसला लिया।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार में महिला सशक्तीकरण एक सक्सेस स्टोरी के रूप में देश के सामने है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महिला उत्थान योजना के तहत देशभर की महिलाओं के लिए उज्ज्वला और मुद्रा जैसी योजनाओं की शुरुआत की। आज बिहार में तीन करोड़ दीदियां लखपति हो चुकी हैं।
केन्द्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यदि वर्ष 2047 तक देश की महिलाओं को सशक्त नहीं किया गया तो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना पूरा नहीं हो सकेगा।
बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि महिला सशक्तीकरण का जो काम बिहार में किया गया है, वह देश के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों और उनके परिजनों के लिए सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध करने का काम अब जीविका दीदियां करेंगी। इतना ही नहीं जीविका दीदियों के द्वारा जिला अस्पतालों और राज्य के सभी प्रखंड कार्यालयों में भी कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की पोशाक भी जीविका दीदियों द्वारा सिली जाएंगी। साथ ही, आवासीय विद्यालयों की रसोई भी जीविका दीदियां ही संभालने वाली हैं।
इस अवसर पर बिहार सरकार के विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक एसएन त्रिपाठी, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह समेत राज्य व केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और राज्यभर से आयीं जीविका समूह की दीदियां मौजूद थीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी