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नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के माध्यम से सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) नोएडा के सहयोग से 14 से 18 जुलाई तक साइबर अपराध, बचाव और जांच विषय पर एक पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के शुरू की गई सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) परियोजना के तीसरे चरण के अंतर्गत आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीयूसीसी के पूर्व निदेशक प्रो. अजय कुमार गुप्ता मुख्यातिथि रहे। जबकि समापन सत्र में डीयूसीसी के निदेशक और डीन (प्रौद्योगिकी संकाय) प्रो. संजीव सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
प्रो. संजीव सिंह ने अपने संबोधन में शिक्षा के माध्यम से एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए संकाय सदस्यों हेतु विकसित हो रही साइबर तकनीकों से अवगत रहने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया।
इस एफडीपी का उद्देश्य साइबर सुरक्षा के उभरते क्षेत्रों में संकाय विशेषज्ञता को बढ़ाना था। जिसमें साइबर खतरों की पहचान, रोकथाम और जांच पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके वास्तविक दुनिया के साइबर खतरों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक सुरेंद्र सिंह और दिल्ली विश्वविद्यालय की संयुक्त रजिस्ट्रार, मीनाक्षी सहाय ने समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया।
गणितीय विज्ञान संकाय की डीन प्रो. नीलिमा गुप्ता के मार्गदर्शन में इस सत्र में लगातार यह तीसरा एफडीपी आयोजित किया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी