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बांदा, 19 जुलाई (हि.स.)। की अतिवृष्टि के कारण तहसील अतर्रा के कई गांवों में जलभराव की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) एवं डिप्टी कलेक्टर इरफान उल्ला खान ने प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान एडीएम ने मौके पर संबंधित अधिकारियों को सतत निगरानी और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए।
निरीक्षण की शुरुआत ग्राम बिलगांव और उसके मजरे नई दुनिया से हुई, जहां आबादी और आसपास के क्षेत्र जलमग्न पाए गए। कुछ मकान जलभराव से प्रभावित हैं। एडीएम ने लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव को प्रभावित घरों का सर्वेक्षण कर सूची प्रस्तुत करने तथा जलनिकासी तक मौके पर तैनात रहने का निर्देश दिया।
इसके बाद दल ग्राम दुरई माफी पहुंचा, जहां आबादी से जुड़ी सड़क और कुछ मकानों में जलभराव की स्थिति देखी गई। वहीं बिसंडा रूरल के मजरा कोइलाहे पुरवा की चारों ओर से घिरी हुई आबादी में जलनिकासी के लिए जेसीबी से पुलिया साफ कराई गई, जिससे जलस्तर में तेजी से कमी आई।
नगर पंचायत बिसंडा के मोहल्ला मोहन तालाब पुरवा में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिसे कर्मचारियों द्वारा जेसीबी की सहायता से समाप्त कराया गया।
ग्राम अमवा में हालात अधिक गंभीर पाए गए, जहां मकानों और आसपास के क्षेत्र में पानी भर गया है। प्रभावित ग्रामीणों को अस्थायी रूप से आदर्श इंटर कॉलेज बिसंडा में विस्थापित किया गया है। एडीएम ने उपजिलाधिकारी अतर्रा को निर्देश दिए कि विस्थापितों की सुरक्षा हेतु पुलिस बल, महिला आरक्षियों सहित तैनात किया जाए और खानपान की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
ओरन ग्रामीण क्षेत्र के चहुंका पुरवा की 12 आबादी वाले मकान जलमग्न पाए गए और ओरन-अतर्रा रोड की तीन जगहों पर सड़क के ऊपर से पानी बहता मिला। नगर पंचायत की ओर से पुलिया की सफाई कराई गई जिससे जल स्तर में कमी आई है।
ग्राम नादन मऊ के साथ ही शिवहारी और लमेहता का संपर्क मार्ग भी जलमग्न होने से प्रभावित हुआ है। रोड पर बहते पानी के कारण इन ग्रामों का आवागमन अवरुद्ध है, हालांकि जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है।
तेंदुरा, गुमाई, पारा, थनैर, और भुसासी जैसे गांवों में भी प्रशासन ने निरीक्षण किया। ग्राम भुसासी में आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की गई है। एडीएम राजेश कुमार ने उपजिलाधिकारी अतर्रा को निर्देशित किया कि राजस्व निरीक्षक और लेखपालों को क्षेत्र में सतत निगरानी हेतु तैनात रखा जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति की तत्काल सूचना मिल सके।
जलभराव समाप्त होने के बाद संभावित संक्रामक बीमारियों की आशंका को देखते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।
इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) ने अमारा, सिंधानकला एवं नरी रपटा का निरीक्षण किया, जहां सिंधानकला और अमारा में रपटे पर जलस्तर ऊंचा पाया गया। इन स्थानों पर नाव और होमगार्ड की तैनाती की गई है ताकि लोगों को किसी भी स्थिति में तत्काल सहायता मिल सके।
प्रशासन की ओर से राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, और जलस्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए, वे मौके पर रहकर निगरानी बनाए रखें।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह