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नई दिल्ली, 17 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण से प्रेरित दूसरा सतत कृषि शिखर सम्मेलन एवं पुरस्कार-2025 का आयोजन नई दिल्ली में आगामी 7 अगस्त को किया जा रहा है। इसकी थीम है- ‘कृषि 2047: जलवायु के लिए तैयार खेती, भविष्य के लिए तैयार भारत।’
सस्टेनेबिलिटी मैटर्स और इंडिएग्री द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में नीति निर्माता, वैज्ञानिक, उद्यमी, विकास संगठन, कॉरपोरेट जगत से जुड़े लोग और देशभर के प्रगतिशील किसान बड़ी संख्या में शिरकत करते हुए देश में जलवायु अनुकूल कृषि के भविष्य पर विमर्श करेंगे।
सम्मेलन में सतत कृषि के क्षेत्र में 33 कैटेगरी में श्रेष्ठ कार्य करने वाली हस्तियों, संगठनों, कंपनियों, सरकारी निकायों, नवप्रवर्तकों और किसानों को पुरस्कृत व सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के निर्णायक मंडल एवं विशिष्ट अतिथियों में डॉ. सीडी मायी, पूर्व कृषि आयुक्त, भारत सरकार; डॉ. रंजन, पूर्व आईएएस, पूर्व एसीएस, मेघालय सरकार; डॉ. जयदेव सारंगी, पूर्व आईएएस एवं पूर्व सचिव, दिल्ली और गोवा; आर.के. सपरा, पूर्व आईएफएस एवं पूर्व प्रबंध निदेशक, हरियाणा वन विकास निगम; डॉ. जय जी वार्ष्णेय, पूर्व निदेशक, आईसीएआर, डॉ. सिबा पी. मोहंती, प्रबंध निदेशक, एचयूआरएल, डॉ. केसी रवि, मुख्य सततता अधिकारी, सिंजेंटा इंडिया, रमेश सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, केयर एशिया; डॉ. विमला प्रकाश, प्रमुख टीआईसी (आर एंड डी), आईपीएल बायोलॉजिकल्स, किशोर जयसवाल, संयोजक, एनएफईआई शामिल हैं।
सस्टेनेबिलिटी मैटर्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. नवनीत आनंद ने इस संबंध में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘कृषि पर ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव की सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। आज कृषि के सामने कई चुनौतियाँ हैं और उनसे निपटने के लिए जरूरी है कि हम पहले चुनौतियों की सही पहचान करें। इसके लिए सबसे जरूरी है सभी हितधारकों के बीच सार्थक संवाद। यह सम्मेलन संवाद के लिए कृषि वैज्ञानिकों, किसानों, हितधारकों, कॉरपोरेट जगत से जुड़े लोगों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करता है।’
वर्ष 2024 में आयोजित पहले राष्ट्रीय सतत कृषि शिखर सम्मेलन एवं पुरस्कार और भोपाल, चंडीगढ़ एवं नागपुर में आयोजित क्षेत्रीय नीति संवादों की सफलता के बाद नई दिल्ली में आयोजित होने वाला दूसरा सतत कृषि शिखर सम्मेलन एवं पुरस्कार-2025, भारत में कृषि के समक्ष उपस्थित नई चुनौतियों को न केवल संबोधित करेगा बल्कि संवाद के जरिए उनके समाधान की तलाश भी करेगा। सम्मेलन में दिये जाने वाले पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी