बिहार के युवाओं को आधुनिक कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक प्रमंडल में स्थापित होंगे मेगा स्किल सेंटर : संतोष कुमार सिंह
मंती संताेष कुमार सिंह


-मेगा स्किल सेंटर के लिए 280.87 करोड़ रूपये मंत्री परिषद् से स्वीकृत

पटना, 10 जून (हि.स.)। श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने मंगलवार काे बताया कि राज्य के युवाओं को आधुनिक, उद्योगोन्मुखी एवं रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक प्रमंडलीय मुख्यालय में एक-एक मेगा स्किल सेंटर की स्थापना की जाएगी,जिसका अनुमोदन मंत्री परिषद से दे दिया गया है। इस योजना के पहले चरण में कुल 9 मेगा स्किल सेंटर स्थापित होंगे, जिनका संचालन राज्य सरकार के साथ-साथ सरकारी, गैर-सरकारी एवं औद्योगिक संस्थानों के सहयोग से किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसका लाभ सुदूर इलाके के युवाओं को भी सुलभता से मिल सकेगा।

सात निश्चय पार्ट-2 (2020-25) के तहत हर जिले में मेगा स्किल सेंटर (मार्गदर्शन, नयी स्किल में प्रशिक्षण) स्कीम अन्तर्गत प्रथम चरण में 9 प्रमंडलीय जिलों में वित्तीय वर्ष 2025-26 से अगले 5 वर्षों में योजना कार्यान्वयन हेतु कुल अनुमानित लागत राशि 280.87 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति आज के मंत्री परिषद् में दे दी गयी है।

उन्हाेंने कहा कि इस मेगा स्किल सेंटर से प्रदेश में आने वाले दिनों में रोजगार की अपार संभावनाएं उत्पन्न होंगे, जिसका लाभ बिहार के युवाओं को सीधे तौर पर मिलेगा। मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को ना सिर्फ़ प्रशिक्षित करने को प्रतिबद्ध है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण के साथ रोजगार से जोड़ने का भी काम कर रही है। इन केंद्रों से प्राप्त कुशल मानव संसाधन न सिर्फ राज्य के उद्योगों की जरूरत को पूरा करेंगे, बल्कि राज्य की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक समावेशन में भी योगदान देंगे। इससे युवाओं का प्रवासन कम होगा और वे अपने गृह राज्य में ही सम्मानजनक आजीविका अर्जित कर सकेंगे।

मेगा स्किल सेंटर के बारे में विभागीय सचिव दीपक आनन्द ने बताया कि इन मेगा स्किल सेंटरों के माध्यम से युवाओं और आमजनों को बाजार मांग के अनुरूप तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के बेहतर अवसरों से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रशिक्षण, सटीक मार्गदर्शन और रोजगार की संभावनाओं को साथ जोड़कर युवा पीढ़ी की आर्थिक स्थिति में सुधार एवं सामाजिक बदलाव लाना सरकार का लक्ष्य है।

सचिवआनन्द ने कहा कि यह पहल कौशल विकास के क्षेत्र में बिहार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। युवाओं को बिना शुल्क के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, और नौकरी से जोड़ने तक की संपूर्ण प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी, जिससे बिहार को एक कुशल और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में विकसित किया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी