Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
प्रदेश के 109 निजी अस्पतालों में श्रमिकों और उनके परिवार को कैशलेस उपचार की सुविधा मिल रही
लखनऊ, 10 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना के तहत श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी कड़ी में योगी सरकार ने मेरठ, शाहजहांपुर, बरेली, गोरखपुर और ग्रेटर नोएडा में नए अस्पतालों के निर्माण के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में ईएसआई निगम मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ईएसआई योजना के तहत वर्तमान में श्रमिकों को प्राथमिक और द्वितीयक चिकित्सा देखभाल, सुपर स्पेशियलिटी उपचार और आकस्मिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके तहत बीमांकित कर्मचारियों और उनके परिजनों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों या जिला अस्पतालों में रेफर कर उपचार सुनिश्चित किया जाता है, साथ ही स्वयं के खर्च पर उपचार की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। प्रदेश में ईएसआई निगम के 109 अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार उपलब्ध है। इसके अलावा, रोग रोकथाम और स्वास्थ्य संवर्धन के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। डाट्स सेंटर के माध्यम से टीबी की निःशुल्क जांच और उपचार प्रदान किया जा रहा है। चिकित्सा अवकाश प्रमाणीकरण की सुविधा भी इस योजना का हिस्सा है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के श्रमिक वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसलिए योगी सरकार की भावी योजनाओं में स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार और आधुनिकीकरण प्राथमिकता पर है। मेरठ, शाहजहांपुर और बरेली में नए अस्पतालों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि गोरखपुर और ग्रेटर नोएडा में नए अस्पतालों के लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। ग्रेटर नोएडा और वाराणसी में ईएसआई निगम मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी करने का निर्णय लिया है इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि श्रमिकों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त, 12 नए औषधालयों की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पीआईपी प्लान के तहत 237.50 लाख रुपये और 2025-26 के लिए 80.90 लाख रुपये के उपकरणों की स्वीकृति ईएसआई निगम से प्राप्त हो चुकी है, जिससे अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होंगे। निदेशालय में 1 अप्रैल से ई-ऑफिस गो-लाइव हो चुका है, जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा। चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए ईएसआई चिकित्साधिकारियों के कैडर रिव्यू की प्रक्रिया भी प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की भांति ही शुरू कर दी गई है। नए अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, और डिजिटल सुधारों के माध्यम से उत्तर प्रदेश श्रमिक कल्याण और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है। ये प्रयास न केवल श्रमिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करेंगे, बल्कि राज्य को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर करेंगे।
इन सुधारों के साथ-साथ, योगी सरकार ने कारखाना अधिनियम के तहत भी उल्लेखनीय प्रगति की है। पंजीकृत कारखानों की संख्या 27,453 तक पहुंच गई है, जो पिछले नौ वर्षों में लगभग शत प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। डिजिटल सुधारों, जैसे ऑनलाइन पंजीकरण, ऑटो-मोड नवीनीकरण और रीयल-टाइम निरीक्षण मॉनिटरिंग ने उद्यमियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है। श्रम विभाग ने दर्पण डैशबोर्ड पर A+ श्रेणी में चतुर्थ स्थान और ई-ऑफिस में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, साथ ही बीआरएपी रैंकिंग में ‘टॉप अचीवर्स’ श्रेणी में जगह बनाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा