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जोधपुर, 10 जून (हि.स.)। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को धूमधाम के साथ गर्भ गृह से बाहर लाया जाएगा और उन्हें विभिन्न औषधियों से मिश्रित जल से स्नान करवाया जाएगा। भीतरी शहर के 350 साल से भी ज्यादा पुराने जगदीश मंदिर सहित मधुकेश्वर महादेव मंदिर महिला विकास समिति मधुबन, जगदीश मंदिर बनाड़ रोड और तनावड़ा स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान जगन्नाथ का जल यात्रा महोत्सव मनाया जाएगा।
चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी ओडिशा में विराजित भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा संग जोधपुर में भी विराजित है। जगन्नाथपुरी धाम की परम्परानुसार ही, यहां पर भी ज्येष्ठ पूर्णिमा बुधवार को भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ गर्भ गृह से बाहर आएंगे। जहां भक्त उनका दर्शन लाभ लेंगे। भीतरी शहर सुनारों की घाटी स्थित प्राचीन जगदीश मंदिर में बुधवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ का जल यात्रा महोत्सव मनाया जाएगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अत्यधिक स्नान के कारण भगवान जगन्नाथ और दोनों भाई-बहन बीमार पड़ जाते हैं। उनको एकांतवास में रखा जाता है। राजवैद्य उनका इलाज करते हैं। करीब पंद्रह दिन तक आराम करने के बाद भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन का अंतिम शृंगार के रूप में नेत्रदान अनुष्ठान संपन्न होगा।
27 जून को विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी। रथ यात्रा मंदिर प्रांगण से सुबह 8 बजे शुरू होकर मुख्य बजार होते हुए घंटाघर व पुन: मुख्य बाजार होते हुए मंदिर प्रांगण में आएगी।जहां भगवान पुन: अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे और भक्तों को दर्शन देंगे। भक्तों की ओर से बुधवार को मंदिर परिसर में दिनभर भजन-कीर्तन होंगे। मंदिर प्रशासन की ओर से भी भक्ति कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
350 साल पहले स्थापित हुई थी मूर्तियां
मंदिर पुजारी वीरेंद्र शर्मा और नरेंद्र शर्मा ने बताया कि करीब 350 वर्ष पहले जगन्नाथ पुरी ओडिशा से भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा की मूर्तियां लाकर इस प्राचीन जगदीश मंदिर में स्थापित की गई थी। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की मूर्तियां को निज मंदिर के गर्भ गृह से बाहर लाया जाएगा। भक्तों को भगवान के चरण स्पर्श करने का अवसर मिलेगा। बाद में भगवान जगन्नाथ का 108 कलश से शाही स्नान, श्रृंगार के बाद विशेष आरती की जाएगी। दोपहर एक बजे भगवान का विशेष गणेश स्वरूप शृंगार और विशेष आरती की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश