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स्टाइफंड के नए प्रोविजन का विरोध करके नारेबाजी कर रहे थे छात्र
विद्यार्थियों ने की नया प्रोविजन वापिस लेने व गार्डों पर कार्रवाई की मांग
हिसार, 10 जून (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एमएससी
तथा पीएचडी स्टूडेंट्स को दिए जाने वाले के स्टाइफंड के नए प्रोविजन का विरोध शुरू
हो गया है।
विद्यार्थियों को यह रास नहीं आ रहा है और जब वे विरोध करने कुलपति कार्यालय
के समक्ष पहुंचे और नारेबाजी करने लगे तो एचएयू के सुरक्षा गार्डों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा
कर पीटा।
सुरक्षा कर्मचारियों के इस रवैये से विद्यार्थियों में रोष है और उन्होंने
उन पर कार्रवाई की मांग की है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एमएससी तथा पीएचडी स्टूडेंट्स को
दिए जाने वाले के स्टाइफंड का नया प्रोविजन विद्यार्थियों को रास नहीं आया। नए प्रोविजन
के खिलाफ हकृवि के विद्यार्थियों ने मंगलवार दोपहर कुलपति कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन
किया। छात्र काफी देर तक नारेबाजी करते रहे और मांग की कि स्टाइफंड की पुरानी पद्धति
बहाल की जाए। अपनी मांग के संबंध में छात्र काफी देर तक नारेबाजी करते रहे।
सुरक्षा अधिकारियों ने विद्यार्थियों को कुलपति कार्यालय के बाहर धरना देने
पर आपत्ति जताई और कहा कि कुलपति कार्यालय के बाहर मत बैठो।
विद्यार्थी नहीं माने और
वहीं पर बैठकर हकृवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वहां मौजूद विद्यार्थी और
सुरक्षा कर्मचारियों में बहस भी हुई। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मचारियों
ने कुलपति कार्यालय के बाहर बैठे विद्यार्थियों को धक्के मारने शुरू कर दिए। ऐसे में
माहौल बिगड़ गया और अफरा तफरी मच गई। सुरक्षा कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय के लॉन
में विद्यार्थियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। मारपीट की यह वीडियो भी वायरल हो रही है।
माहौल खराब होता देख विवि प्रशासन ने पुलिस को मौके पर बुला लिया।सुरक्षा अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मारपीट किए जाने से विद्यार्थी गुस्सा
गए। उन्होंने नारेबाजी तेज कर दी और मांग की कि उनके साथ मारपीट करने वाले सुरक्षा
कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाए।
इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्टाइफंड को
लेकर जो नया प्रोविजन लागू किया है उसे भी हटाया जाए। आंदोलनरत विद्यार्थियों ने बताया
कि एमएससी तथा पीएचडी स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से क्रमशःछह तथा
10 हजार रुपये मासिक स्टाइफंड दिया जाता है। स्टाइफंड उन्हीं विद्यार्थियों को दिया
जाता है जो कि परीक्षा में 75 फीसद अंक प्राप्त करते हैं। विश्वविद्यालय के नए प्रोविजन
के अनुसार विद्यार्थियों को अब 75 फीसद से अधिक अंक तो प्राप्त करने ही होंगे लेकिन
स्टाइफंड 75 फीसद अंक प्राप्त करने वाले टॉपर 25 फ़ीसदी विद्यार्थियों को ही मिलेगा।
उनका कहना है कि इससे अधिकतर बच्चे स्टाइफंड से वंचित हो जाएंगे, जो गरीब व जरूरमंद
विद्यार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर